भारत ने चीन के साथ मिलकर बनाया बैंक, अब दिल्ली में करेगा बड़ा निवेश

भारत सरकार, आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम लिमिटेड और न्यू डेवलपमेंट बैंक ने आज राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में तेज, विश्वसनीय, सुरक्षित और आरामदायक सार्वजनिक परिवहन प्रणाली प्रदान करने के लिए दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ क्षेत्रीय त्वरित परिवहन प्रणाली परियोजना को 500 मिलियन डॉलर का ऋण देने के समझौते पर हस्ताक्षर किए.
न्यू डेवलपमेंट बैंक जिसे पहले ब्रिक्स बैंक के अनौपचारिक नाम से भी जाना जाता था. ब्रिक्स समूह के देशों द्वारा स्थापित किए गए एक नए विकास बैंक का आधिकारिक नाम है. 2014 के ब्रिक्स सम्मेलन में 100 अरब डॉलर की शुरुआती अधिकृत पूंजी के साथ नए विकास बैंक की स्थापना का निर्णय किया गया. माना जा रहा है कि इस बैंक और फंड को पश्चिमी देशों के वर्चस्व वाले विश्व बैंक और आईएमएफ जैसी संस्थाओं के टक्कर में खड़ा किया जा रहा है. इस बैंक का मुख्यालय शंघाई, चीन में है. आपको बता दें इस बैंक की स्थापना का विचार दिल्ली में आयोजित 2012 में चौथे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भारत द्वारा प्रस्तावित किया गया था.
एनसीआर, दुनिया के सबसे बड़े शहरी समूहों और भारत के एक प्रमुख आर्थिक केन्द्रों में से एक है. सार्वजनिक परिवहन के कुशल विकल्पों की कमी के कारण, एनसीआर में निजी वाहनों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है. एनसीआर के दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर में अनुमानित दैनिक यात्री यातायात 0.69 मिलियन है, जिनमें से 63% आवागमन के लिए निजी वाहनों का उपयोग करते हैं. ट्रैफिक की भीड़ के कारण, दिन के व्यस्त समय के दौरान सड़क मार्ग से दिल्ली और मेरठ के बीच यात्रा करने में लगभग 3 से 4 घंटे का समय लगता है. वाहनों की संख्या में तेज वृद्धि ने एनसीआर को दुनिया के सबसे प्रदूषित क्षेत्रों में से एक बना दिया है. अनुमान है कि 2030 तक एनसीआर दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाला शहरी समूह बन जायेगा, जिससे आवास, जल आपूर्ति, बिजली और परिवहन जैसे बुनियादी ढांचे पर दबाव बढ़ेगा.
इस समझौते पर भारत सरकार की ओर से वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग के संयुक्त सचिव बालदेव पुरुषार्थ; आवासन और शहरी मामलों के मंत्रालय की ओर से जनार्दन प्रसाद; राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम लिमिटेड की ओर से प्रबंध निदेशक विनय कुमार सिंह और एनडीबी की ओर से उपाध्यक्ष व मुख्य परिचालन अधिकारी शियान झू ने हस्ताक्षर किए.