घटिया चावल घोटाले के बाद गरीब अन्न कल्याण योजना घोटाला

छतरपुर
भ्रष्टाचार की सजा सिर्फ स्थानांतरण?
मप्र : घटिया चावल घोटाले के बाद गरीब अन्न कल्याण योजना घोटाला
………………..गाज गिरी……..

  • लापरवाही और अनियमितताओं की आरोपी
    नागरिक आपूर्ति निगम अधिकारी को हटाया
  • राज्य स्तरीय जांच दल गठित किया गया

मप्र में घटिया चावल गरीबों को परोसने के बाद प्रदेश में प्रधानमंत्री गरीब अन्न कल्याण योजना में प्रदेश के कई जिलों का स्टॉक बीच में गायब करने का मामला सामने आया है। अप्रैल,मार्च माह का छतरपुर,टीकमगढ़,पन्ना,दमोह सहित कई जिलों में यह चावल गरीबों के लिए सहकारी समितियों तक नही पहुंचा है। अरबों रुपये का चावल घोटाले होने की जानकारी सामने आ रही है।
मामले की समाचार पत्र में खबर दिखाए जाने के बाद प्रमुख सचिव ने संचालक तरुण पिथौड़े को पूरे मामले की जांच के निर्देश दिए हैं। नागरिक आपूर्ति निगम के संचालक तरुण पिथौड़े ने बताया कि,8 सदस्यीय जांच दल गठित किया गया है। जो इन जिलों में प्रधानमंत्री गरीब अन्न कल्याण योजना में लापरवाही की जांच करेंगे । लेकिन सवाल उठने लगे कि, पीएम योजना का चावल क्यों नही आवंटित किया गया ?
मिलर ने सप्लाई क्यों नही की ? अधिकारियों की वितरण व्यवस्था फेल क्यों हुई ? इसके लिए दोषी कौन है ..? बिना स्टॉक लिए भुगतान क्यों किया गया ..? हालांकि छतरपुर जिले में पदस्थ भ्रष्ट अधिकारी रिंकी साहू का तबादला कर दिया गया है। रिंकी साहू नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष प्रदुम्न सिंह और एमडी की कृपा पात्र हैं।
यह उठ रहे सवाल –
प्रधानमंत्री नरेन्द्रमोदी की कोरोनकाल की सबसे अहम और संवेदनशील योजना में लापरवाही,भ्र्ष्टाचार के आरोपी अफसर अभी तक सुरक्षित बैठे हैं। लाखों लोग सहायता से वंचित हो गए। जबकि,इन्हें कोरोनकाल के समय सख्त जरूरत थी। छतरपुर की जिला अधिकारी का तबादला कर बचाने का प्रयास किया जा रहा है। जबकि इन्हें निलंबित किया जाना चाहिए।
अंदेशा :
सूत्र इस बात का अंदेशा जता रहे हैं कि प्रधानमंत्री गरीब अन्न कल्याण योजना का लाखों किंवटल चावल बीच में ही गायब करा दिया गया है अफसरों,नेताओं ने बीच में ही इसकी राशि हड़प ली है। यदि इस घोटाले की जांच कराई जाए तो करोड़ों के चावल घोटाले की परतें खुल सकती हैं। सूत्र बताते हैं कि चावल वितरण नही हुआ और भुगतान कर दिया गया है। यह घोटाला किस स्तर पर किया गया और इसमें कौन- कौन शामिल हैं। इसकी ईओडब्लू से जांच कराई जाए तो मामले का खुलासा हो जाएगा।

सरकार की बदनामी:
प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गरीबों की भूंख मिटाने सस्ता राशन योजना की शुरुआत 2008 में की थी। तब ऐसा लगा था कि अब प्रदेश का कोई भी गरीब भूंखा नही सोएगा। गरीबों को चिन्हित कर कार्ड बनाये गए। ताकि यह लोग पात्रता के आधार पर सस्ता राशन प्राप्त कर सकें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी गरीब अन्न कल्याण योजना शुरू की। लेकिन यह दोनों ही योजनाएं कथित विभागीय माफिया की भेंट चढ़ गई। कई स्तर पर चल रहे कमीशन के कारोबार ,दलाली,कालाबाजारी के चलते यह नापतौल करने वाले कर्मचारी से लेकर जिले के अधिकारी मालामाल हो गए । गरीब आज भी भुखमरी और बदहाली की कगार पर है।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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