बिना दस्तावेज विदेशी नागरिक सुरक्षा के लिए बन सकते हैं बड़ा खतरा : जल्द चलेगा अभियान

बरेली । जिलाधिकारी अविनाश सिंह की अध्यक्षता में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य की उपस्थिति में आज कानून व्यवस्था व बांग्लादेशी और रोहिंग्या व अवैध विदेशी नागरिकों के चिन्हांकन के सम्बन्ध में कलेक्ट्रेट स्थित सभागार में बैठक संपन्न हुई।

बैठक में अवगत कराया गया कि प्रदेश सरकार ने रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ बड़ा अभियान शुरू कर दिया हैं। जिसके क्रम में समस्त जनपदों में कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं, जिसके अन्तर्गत आज एक आवश्यक बैठक समस्त सम्बंधित अधिकारियों के साथ की गयी। जिसमें निर्देशित किया गया कि इसके पहले चरण में डिटेंशन सेंटर स्थापित करने हेतु स्थानों को चयन किया जाना है। अतः समस्त संबंधितों को उक्त हेतु स्थान चिन्हित करने के निर्देश दिए गए।

बैठक में अवगत कराया गया कि चिन्हित लोगों की सूचियां संबंधित मंडलायुक्तों और पुलिस महानिरीक्षकों (आईजी) को जांच के लिए भेजी जांएगी। मंडलायुक्त और आईजी सत्यापन प्रक्रिया में चिहिन्त लोगों को रखने के लिए समर्पित डिटेंशन सेंटर स्थापित करेंगे। प्रत्येक जिले में अस्थायी डिटेंशन सेंटर स्थापित किए जाएंगे, जहां सत्यापन पूरा होने तक ऐसे लोगों को रखा जाएगा

बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि मा0 मुख्यमंत्री जी द्वारा निर्देश दिए गए है कि कानून-व्यवस्था, राष्ट्रीय सुरक्षा और सामाजिक सामंजस्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता हैं और किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधि बर्दाश्त नहीं की जाएगी। ऐसे में हमें हर उस व्यक्ति की जांच करनी है जो हमारे देश के बॉर्डर के बाहर से आया है और हमारे देश का नागरिक नहीं है। हमें उन्हें चिन्हित करना है और जहां भी कोई संदिग्ध लगे उसकी जांच करनी है। यदि अवैध आप्रवासी जनपद में पाए जाते है तो उन्हें डिटेंशन सेंटरों में जरूरी सत्यापन पूरा होने तक रखा जाएगा। सत्यापन के बाद निर्धारित प्रक्रिया के तहत उन्हें मूल देशों में वापस भेजा जाएगा।

बैठक में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने समस्त उपस्थित पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों को अवगत कराया कि बिना दस्तावेज वाले विदेशी नागरिक सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन सकते है। इसके लिए अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या लोगों के चिन्हांकन का अभियान चलेगा, अन्य विदेशी नागरिकों का भी सत्यापन किया जाएगा कि वह किस आधार पर यहां रह रहे हैं और जारी होने वाले प्रमाण पत्रों की भी पूरी गंभीरता के साथ छानबीन की जाएगी। इस कार्य के लिए पहले से ही होमवर्क करना पड़ेगा यदि कोई व्यक्ति संदिग्ध लगता है तो वह कहां का मूल निवासी है उसका डिटेल मांगी जानी है। यदि कोई व्यक्ति पश्चिम बंगाल या बिहार का पता दिखता है तो उसे वेरीफाइड करना जरूरी है जो लोग रोड किनारे झुग्गी झोपड़ी डालकर रह रहे हैं या टेंट आदि लगाकर रह रहे हैं अथवा निर्माण कार्यों या भट्टों आदि में लगे हुए हैं, रेलवे स्टेशनों पर या उसके आस पास भी रहने वाले लोगों, होटलों, धर्मशालाओं पर भी ध्यान देते हुए गंभीरता से जांच की जानी है। मकान मलिकों को भी जागरूक किया जाए कि उनके यहां रहने वाले किरायदारों  के साथ ही घरेलू नौकरों के बारे में व्यापक जानकारी व जांच कर लें। विश्वविद्यालयों व मदरसों में रहने वाले विदेशी छात्रों की भी जांच की जाए।  

नगर आयुक्त को नगर निगम क्षेत्र में मौजूद और उनमें काम कर रहे लोगों का चिन्हांकन करने तथा रोहिंग्या-बांग्लादेशियों की विस्तृत सूची तैयार करने निर्देश दिए गए।

बैठक में नगर आयुक्त संजीव कुमार मौर्य, अपर जिलाधिकारी प्रशासन पूर्णिमा सिंह, अपर जिलाधिकारी(वित्त एवं राजस्व) संतोष कुमार सिंह, अपर जिलाधिकारी नगर सौरभ दुबे, नगर मजिस्ट्रेट अलंकार अग्निहोत्री, पुलिस अधीक्षक नगर मानुष पारीक, पुलिस अधीक्षक यातायात मो0 अकमल खान, पुलिस अधीक्षक ग्रामीण, पुलिस अधीक्षक क्राइम, समस्त उप जिलाधिकारी/पुलिस क्षेत्राधिकारी व खण्ड विकास अधिकारी अधिशासी अधिकारी नगर निकाय सहित सम्बंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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पं.सत्यम शर्मा

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