दो साल बाद भट्ठा संचालक ने गैंगस्टर नवाब और नीलू पर रंगदारी की रिपोर्ट दर्ज करवाई है। बताया कि डर की वजह से परिवार समेत पलायन कर गया था।किशोरी से दुष्कर्म के आरोप में बांदा जेल में बंद गैंगस्टर पूर्व ब्लॉक प्रमुख नवाब सिंह यादव व कौशांबी जेल में बंद उसके भाई नीलू यादव समेत आठ नामजद व 13 अज्ञात पर दो साल बाद शनिवार को लूट व रंगदारी की एफआईआर दर्ज की गई है। वादी भट्ठा संचालक ने कारण बताया कि डर की वजह से वह पलायन कर गया था। जब पता चला कि दोनों जेल में हैं, तब उसने शिकायत की। पुलिस ने मामला दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी है। जेल में बंद रहते हुए दोनों के खिलाफ यह तीसरा मुकदमा दर्ज किया गया है।शहर के मोहल्ला छिपट्टी निवासी विशाल यादव ने बताया कि 19 नवंबर 2023 को देवधरापुर स्थित ईंट भट्टे पर मौजूद थे। उनके साथ में सहव्यापारी देवेश कटियार और मुनीम रंजीत यादव भी थे। उसी समय अड़ंगापुर निवारी पूर्व ब्लॉक प्रमुख नीलू यादव, गांव के ही सचिन यादव, रामपुर मजरे निवासी सुरजीत यादव व प्रदीप यादव, यूसुफपुर भगवान निवासी विराट मौर्या व कुतलूपुर मकरंदनगर निवासी शिवम दुबे उर्फ सोमू अपने 13 अन्य साथियोंं के साथ पहुंचे। पहुंचते ही आरोपियाें ने रंगदारी की मांग की।इसके बाद आरोपियों ने गोलक में रखे डेढ़ लाख रुपये निकाल लिए। व्यापारियाें के विरोध करने पर आरोपियों ने असलहे दिखाकर चुप करा दिया। इतनी ही नहीं आरोपियों ने लाठी-डंडाें से बुरी तरह से पीटा। घायल व्यापारियों ने घटनास्थल से भागकर जान बचाई। आरोपियों ने उनके प्रतिष्ठान पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया। विशाल ने बताया कि कोतवाली जाकर तहरीर दी लेकिन पूर्व ब्लॉक प्रमुख नवाब और नीलू यादव के राजनीतिक रसूख होने के कारण कोई कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने बताया कि कोतवाली से लेकर मुख्यमंत्री पोर्टल पर इसकी शिकायत की पर एफआईआर नहीं लिखी गई। गैंगस्टरों के डर के कारण विशाल को परिवार समेत शहर छोड़कर अन्य जगह शरण लेनी पड़ी। आरोपियाें ने भट्ठे पर जमा 20 लाख रुपये की ईंटें और 15 लाख का अन्य सामान और उसके चाचा विपिन यादव की एक पल्सर बाइक भी लूट ली थी, जिसका आज तक पता नहीं चला। दोनों गैंगस्टरों के जेल में बंद होने की जानकारी पाते ही उसने न्याय की उम्मीद में तहरीर दी है। सीओ सिटी अभिषेक प्रताप अजेय ने बताया कि तहरीर के आधार पर रिपोर्ट दर्ज कर मामले की विवेचना इंस्पेक्टर राधेश्याम को दी गई है।