विपक्षी दलों ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने का फैसला

नई दिल्ली।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के कार्यालय में आयोजित इंडिया गठबंधन के नेताओं की बैठक में लिया गया। बैठक में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से भी इस संबंध में सहमति ली गई है।

महाभियोग प्रस्ताव की प्रक्रिया

मुख्य चुनाव आयुक्त को हटाने के लिए संसद के दोनों सदनों में दो तिहाई बहुमत की आवश्यकता होती है, जो विपक्ष के पास नहीं है। महाभियोग प्रस्ताव लाने के लिए विपक्षी दलों को सांसदों के हस्ताक्षर कराने होंगे और फिर इसे संसद में पेश करना होगा।

विपक्ष के आरोप

विपक्ष का आरोप है कि मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने अपने संवैधानिक पद की गरिमा को कमजोर किया है। राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर वोट चोरी का आरोप लगाया था, जिसके बाद चुनाव आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सफाई दी थी।

क्या है मुख्य चुनाव आयुक्त की संवैधानिक स्थिति?

मुख्य चुनाव आयुक्त को भारतीय संविधान के तहत विशेष सुरक्षा प्राप्त है। उन्हें न्यायाधीशों की तरह हटाया जा सकता है, जिसके लिए संसद के दोनों सदनों में दो तिहाई बहुमत की आवश्यकता होती है। मुख्य चुनाव आयुक्त की भूमिका लोकतांत्रिक प्रक्रिया की नींव है, और उन्हें स्वतंत्र रूप से कार्य करने की अनुमति देने के लिए विशेष सुरक्षा प्रदान की गई है। ¹

क्या कभी हटाए गए हैं मुख्य चुनाव आयुक्त?

अब तक भारत में किसी भी मुख्य चुनाव आयुक्त को औपचारिक महाभियोग जैसी प्रक्रिया से नहीं हटाया गया है। यह इस बात का प्रमाण है कि मुख्य चुनाव आयुक्त की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण और संवेदनशील है।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

यह खबर /लेख मेरे ( निशाकांत शर्मा ) द्वारा प्रकाशित किया गया है इस खबर के सम्बंधित किसी भी वाद - विवाद के लिए में खुद जिम्मेदार होंगा

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