मुख्यमंत्री मॉडल कंपोजिट विद्यालय, नवादा बचाओ साइकिल यात्रा

गंजडुंडवारा: पटियाली तहसील की धरती आज एक ऐतिहासिक संघर्ष की साक्षी बनी, जब गंजडुंडवारा के सबीना कॉम्प्लेक्स से “स्कूल बचाओ – भविष्य बनाओ” साइकिल यात्रा का शुभारंभ हुआ और यह यात्रा 25 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए ग्राम नवादा में संपन्न हुई। यह यात्रा केवल पैडल और पहियों की आवाज़ नहीं थी, बल्कि यह पटियाली तहसील के हर गरीब, किसान, मजदूर, दलित और पिछड़े वर्ग के बच्चों की पुकार थी। यह पुकार थी उनके भविष्य की, उनके हक की और उनकी उम्मीदों की, जिसे कुछ राजनीतिक साजिशें उनसे छीन लेना चाहती हैं।

ज्ञातव्य है कि फरवरी 2024 में उत्तर प्रदेश सरकार ने पटियाली तहसील के नवादा गाँव में मुख्यमंत्री मॉडल कंपोजिट विद्यालय बनाने की स्वीकृति दी थी। इस विद्यालय पर ₹23 करोड़ की लागत तय हुई और ₹11.92 करोड़ की पहली किश्त भी जारी कर दी गई। अप्रैल 2025 में बेसिक शिक्षा अधिकारी कासगंज और यूपी स्टेट कंस्ट्रक्शन एंड स्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के बीच अनुबंध हुआ और तय हुआ कि दो वर्षों के भीतर यह विद्यालय नवादा में खड़ा होगा। यह विद्यालय केवल एक इमारत नहीं था बल्कि पटियाली तहसील के बच्चों के सपनों का केंद्र बनने वाला था। इसमें प्री-प्राइमरी से लेकर कक्षा 12 तक की पढ़ाई होती, स्मार्ट क्लास, डिजिटल लाइब्रेरी, साइंस और कंप्यूटर लैब, खेल का मैदान और आधुनिक सुविधाओं से लैस यह संस्थान लगभग 1500 बच्चों का भविष्य सँवारने वाला था।

लेकिन अब राजनीति का खेल इस सपने को पटरी से उतारने पर आमादा है। जिला प्रशासन और बेसिक शिक्षा अधिकारी कासगंज इस विद्यालय को पटियाली तहसील के नवादा से सहावर तहसील के बड़ागांव स्थानांतरित करने की कोशिश कर रहा है। सहावर तहसील में पहले से ही जवाहर नवोदय विद्यालय मौजूद है, जो अमांपुर रोड पर है और बड़ागांव की दूरी मात्र पाँच किलोमीटर है। यानी सहावर में पाँच किलोमीटर के दायरे में दो विद्यालय हो जाएंगे जबकि पटियाली तहसील, जिसके बच्चों के लिए यह विद्यालय स्वीकृत हुआ था, पूरी तरह उपेक्षित रह जाएगी। यह केवल अन्याय ही नहीं बल्कि शिक्षा के अधिकार का खुला हनन है और पटियाली के हक पर सीधा डाका है।

इस साइकिल यात्रा के दौरान अब्दुल हफीज गांधी ने कहा कि “यह केवल एक स्कूल की लड़ाई नहीं है, यह आने वाली पीढ़ियों के भविष्य की लड़ाई है। अगर यह विद्यालय नवादा से छीनकर सहावर ले जाया गया तो पटियाली तहसील के बच्चों से उनका अधिकार हमेशा के लिए छिन जाएगा। यह विद्यालय यहाँ के गरीब, मजदूर, किसान, दलित और पिछड़े वर्ग के बच्चों के लिए मंजूर हुआ था ताकि उन्हें अपने घर के पास गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके। अगर आज हम चुप रहे तो कल हमारे बच्चों को भी यही कहना पड़ेगा कि हमारे हिस्से का स्कूल हमसे छीन लिया गया। इसलिए हमें एकजुट होकर यह संदेश देना होगा कि पटियाली का स्कूल पटियाली में ही बनेगा और हम अपने बच्चों का भविष्य राजनीति की भेंट नहीं चढ़ने देंगे।”

ग्राम नवादा में समाप्त हुई इस यात्रा में युवाओं, किसानों, मजदूरों और महिलाओं ने बड़ी संख्या में हिस्सा लिया और अपने हक के लिए आवाज़ बुलंद की। यह यात्रा इस संकल्प का प्रतीक बनी कि चाहे कितनी भी मुश्किलें आएं, पटियाली तहसील का यह विद्यालय यहीं बनेगा और यहीं से आने वाली पीढ़ियाँ अपने उज्जवल भविष्य की राह पाएंगी।

पटियाली चौराहे पर भी स्कूल बचाओ यात्रा का स्वागत किया गया। स्वागत करने वालों में मारूफ कुरैशी, हिक्मत अली, अजमत अली, जीतू दिवाकर, अरविंद मौर्य आदि लोग मौजूद रहे।

साइकिल यात्रा के समापन पर ग्राम नवादा में एक मीटिंग का भी आयोजन किया गया जिसको अब्दुल हफीज गांधी ने संबोधित किया और इस स्कूल के बारे में ग्राम नवादा के लोगों को बताया। बहुत ही गर्मजोशी से ग्राम नवादा के लोगों ने स्कूल बचाओ साइकिल यात्रा का स्वागत किया।

इस यात्रा के समापन पर ग्राम नवादा में राजपाल सिंह यादव, समरपाल, सुनील कुमार, कन्हैया लोधी, रामसेवक माथुर, श्री कृष्णा गुप्ता, राम अवतार गुप्ता, शिवपाल, राम रहीस, आराम सिंह यादव, संजू, शीशपाल, प्रदीप कुमार, राजीव, पूरन सिंह, दिनेश कुमार, संजय यादव, विपिन कुमार, शिवम, अर्पित, मनोज यादव, नेम सिंह, जसवीर सिंह, अनूप सिंह, अमन, रचित राजपूत, कुलदीप यादव, नितेश लोधी, मानसिंह गौतम, रामखिलाड़ी गौतम, मानिक चंद गौतम, जवाहरलाल शर्मा, रिशिपाल गौतम, सत्यपाल गौतम, सत्यवीर यादव आदि लोग मौजूद रहे।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

यह खबर /लेख मेरे ( निशाकांत शर्मा ) द्वारा प्रकाशित किया गया है इस खबर के सम्बंधित किसी भी वाद - विवाद के लिए में खुद जिम्मेदार होंगा

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