
लखनऊ उत्तर प्रदेश।
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा ग्रामीण सफाई कर्मियों के लिए नई सेवा नियमावली बनाने की प्रक्रिया के तहत लिया गया है महत्वपूर्ण निर्णय। इस कदम से लंबे समय से चली आ रही सफाई कर्मियों की कई मांगों को पूरा करने की उम्मीद है।
क्यों बदला गया नाम और क्या हैं इसके मायने?
- सेवा नियमावली का अभाव: लगभग 16 वर्षों से उत्तर प्रदेश में ग्रामीण सफाई कर्मियों के लिए कोई विस्तृत सेवा नियमावली नहीं थी। इससे उन्हें स्थानांतरण (transfer), पदोन्नति (promotion) और अन्य सुविधाओं के अभाव जैसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। अधिकारियों द्वारा मनमाने ढंग से कार्रवाई भी की जाती थी।
- पदोन्नति और स्थानांतरण के अवसर: ‘पंचायत कर्मी’ नाम दिए जाने और नई सेवा नियमावली बनने से इन कर्मचारियों को अब पदोन्नति और स्थानांतरण के अवसर मिल सकेंगे। इससे उनके करियर में ठहराव की स्थिति समाप्त होगी और उन्हें आगे बढ़ने का मौका मिलेगा।
- कार्यक्षेत्र का विस्तार: सूत्रों के अनुसार, इन कर्मचारियों से केवल सफाई के अलावा अन्य कई कार्य भी लिए जा रहे थे। नई नियमावली के बाद उनके जॉब चार्ट के अनुसार ही कार्य निर्धारित किए जाएंगे, जिससे उन्हें केवल अपने संबंधित कार्यों पर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलेगी।
- सुधार और अधिकार: नई नियमावली से कर्मचारियों की सेवा शर्तें, अवकाश के नियम और आचार संहिता भी तय होंगी। यदि कोई कर्मचारी नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकेगी, लेकिन उन्हें अपना पक्ष रखने का अवसर भी मिलेगा। यह प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और न्यायपूर्ण होगी।
- सम्मान और पहचान: ‘पंचायत कर्मी’ नाम से इन कर्मचारियों को एक नई पहचान और सम्मान मिलने की भी उम्मीद है, जो उनके कार्य की महत्ता को दर्शाता है।
आगे क्या?
पंचायती राज विभाग ने इस संबंध में संयुक्त निदेशक (प्रशासन) एसएन सिंह की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी 15 दिनों के भीतर अपनी संस्तुति और आख्या शासन को सौंपेगी, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी और नई सेवा नियमावली को अंतिम रूप दिया जाएगा।
इस फैसले से प्रदेश के लगभग एक लाख ग्रामीण सफाई कर्मियों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है, जिनकी यह एक पुरानी और महत्वपूर्ण मांग थी। यह कदम ग्रामीण क्षेत्रों में सफाई व्यवस्था को और सुदृढ़ करने के साथ-साथ इन कर्मचारियों के कल्याण के लिए भी एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है।