
भारतीय मीडिया फाउंडेशन की 27 जुलाई को ज़ूम बैठक: भ्रष्टाचार और उत्पीड़न के विरुद्ध सिंहनाद,
नई दिल्ली।
भारतीय मीडिया फाउंडेशन (बी.एम.एफ.) ने आगामी 27 जुलाई, 2025 को रात्रि 8:30 बजे एक अत्यंत महत्वपूर्ण एवं निर्णायक ज़ूम बैठक का आह्वान किया है। यह बैठक मात्र एक परिचर्चा नहीं, अपितु एक दस-सूत्रीय माँग-पत्र को अंतिम रूप देने हेतु एक सुविचारित रणनीति तैयार करने के लिए आहूत की गई है, जो प्रत्यक्षतः भ्रष्टाचार एवं उत्पीड़न के विरुद्ध एक प्रबल स्वर बनेगी।
बी.एम.एफ. के राष्ट्रीय अध्यक्ष, पंडित बालकृष्ण तिवारी ने नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय कार्यालय से एक ओजस्वी वक्तव्य जारी करते हुए सभी सम्मानित सदस्यों को इस ‘मिशन-मोड’ बैठक में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने का निर्देश दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि यह सदस्यों का सामूहिक सहयोग ही होगा जो दस-सूत्रीय कार्यसूची को निर्धारित करने एवं माँग-पत्र में सम्मिलित किए जाने वाले विषयों पर गहन विचार-विमर्श हेतु अत्यंत आवश्यक है। यह समय मौन रहने का नहीं, अपितु सक्रियता से कार्य करने का है!
केंद्रीय अनुशासन समिति के केंद्रीय अध्यक्ष, श्री राम आसरे ने दृढ़तापूर्वक घोषणा की है कि यह ऐतिहासिक अभियान 1 अगस्त, 2025 से पूरे ज़ोर-शोर से प्रारंभ होगा। उन्होंने विशेष रूप से रेखांकित किया कि इस माँग-पत्र में खाद्य विभाग एवं तहसीलों में व्याप्त भ्रष्टाचार के विरुद्ध सीधी चुनौती होगी। इसके साथ ही, पत्रकारों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं पर हो रहे निरंतर उत्पीड़न के मामलों को भी प्राथमिकता से उठाया जाएगा। यह बैठक इन्हीं गंभीर एवं ज्वलंत मुद्दों पर केंद्रित ऐसे विषय बिंदुओं को निर्धारित करेगी, जो व्यवस्था में बैठे भ्रष्ट तत्वों को विचलित कर देंगे। बी.एम.एफ. अब केवल द्रष्टा बनकर नहीं रहेगा, अपितु प्रत्येक अन्याय के विरुद्ध आवाज़ उठाएगा एवं पीड़ितों को न्याय दिलाने हेतु संघर्ष करेगा!
भ्रष्टाचार एवं उत्पीड़न के विरुद्ध बी.एम.एफ. का निर्णायक क़दम
भारतीय मीडिया फाउंडेशन (बी.एम.एफ.) ने कमर कस ली है। संगठन 27 जुलाई, 2025 को रात्रि 8:30 बजे एक ज़ूम बैठक के माध्यम से एक व्यापक रणनीति तैयार करने जा रहा है, जिसका केंद्र बिंदु भ्रष्टाचार एवं उत्पीड़न के विरुद्ध एक ठोस दस-सूत्रीय माँग-पत्र होगा। यह मात्र एक औपचारिक बैठक नहीं, अपितु एक युद्ध की घोषणा है, जहाँ पत्रकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता एक साथ आकर भ्रष्ट व्यवस्था के विरुद्ध अपनी आवाज़ बुलंद करेंगे।
राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित बालकृष्ण तिवारी, ने दिल्ली से जारी अपने वक्तव्य में सभी सदस्यों से इस महत्वपूर्ण पहल में सक्रिय रूप से भाग लेने का आह्वान किया है। उन्होंने साफ कर दिया है कि यह समय मौन रहने अथवा केवल दर्शक बने रहने का नहीं है, अपितु एकजुट होकर कार्रवाई करने का है। उनका मानना है कि सदस्यों का सामूहिक ज्ञान एवं अनुभव ही इस माँग-पत्र को इतना शक्तिशाली बनाएगा कि यह सीधे उन अधिकारियों एवं तंत्रों पर प्रहार करेगा जो जनता का शोषण कर रहे हैं।
केंद्रीय अनुशासन समिति के अध्यक्ष श्री राम आसरे, ने इस अभियान के प्रारंभ की तिथि 1 अगस्त, 2025 घोषित करते हुए एक स्पष्ट संदेश दिया है। यह अभियान न केवल खाद्य विभाग एवं विभिन्न तहसीलों में फैले भ्रष्टाचार के जाल को तोड़ने पर ध्यान केंद्रित करेगा, अपितु पत्रकारों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं पर हो रहे लगातार हमलों एवं उत्पीड़न के मामलों पर भी प्रकाश डालेगा। बी.एम.एफ. का लक्ष्य इन मुद्दों को राष्ट्रीय स्तर पर उठाना एवं जवाबदेही सुनिश्चित करवाना है।
यह ज़ूम बैठक उन विषय बिंदुओं को अंतिम रूप देगी जो भ्रष्ट तत्वों को सीधे चुनौती देंगे। बी.एम.एफ. अब केवल मुद्दों पर बात नहीं करेगा, अपितु जमीनी स्तर पर बदलाव लाने हेतु ठोस कदम उठाएगा। यह माँग-पत्र न केवल सरकार का ध्यान आकर्षित करेगा, अपितु जनता को भी इन गंभीर मुद्दों के प्रति जागरूक करेगा। बी.एम.एफ. अब केवल एक संगठन नहीं, अपितु न्याय के लिए लड़ने वाली एक शक्तिशाली इकाई के रूप में उभरेगा, प्रत्येक अन्याय के विरुद्ध सिंहनाद करेगा एवं पीड़ितों को न्याय दिलाने हेतु हर संभव संघर्ष करेगा।