
साहब आप धनवान हैं इसलिए भावना विहीन हैं। आप धन दौलत, पद, प्रतिष्ठा के नशे में इतने चूर हैं कि कीड़े मकोड़ों और छोटे मोटे जानवरों को अपनी गाड़ी के पहियों से रौंदते रौंदते इतने मनबढ़ हो गये हैं कि अब स्कूल जाते बच्चों के अरमानों को भी रौंदने लगे हैं। स्कूल जाती एक बालिका के वस्त्रों को कीचड़ से खराब करने वाले ने बालिका के वस्त्रों को ही कीचड़ से खराब नहीं किया बल्कि उसके कोमल हृदय को भी दुखी कर दिया है। यह हमने फोटो में बालिका के चेहरे को देखकर उसकी बेबसी को अनुभव किया है। घमंड को एक ओर रख कर सोचिए कि यदि किसी और ने स्कूल जाती आपकी लाडली बेटी के वस्त्रों को कीचड़ से खराब कर दिया होता तो आपको कैसा महसूस होता? सभी बेटियों को अपनी ही बेटी समझकर उनकी भावनाओं की कद्र कीजिए।
बरसात का मौसम है चारों ओर पानी और कीचड़ हो सकता है। अपनी गाड़ी नियंत्रित होकर और यह सोचकर चलाइए कि सड़क पर आपके अलावा और लोग भी चल रहे हैं। आप जल्दबाजी और घमंड से किसी के वस्त्रों को खराब न करें क्या मालूम वह व्यक्ति किसी मुसीबत में किसी से मिलने या मदद करने जा रहा हो।