एटा में खुलेआम चल रहा अवैध मांस कारोबार

पुलिस की सरपरस्ती में कट्टीघरों का साम्राज्य, लाखों की कमाई

सरकारी आदेशों को ठेंगा, जनता की सेहत से खिलवाड़; अब उठी ज़िम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई की मांग

एटा
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भले ही अवैध स्लॉटर हाउस पर सख्ती की बात कर रही हो, लेकिन एटा जिले के कोतवाली नगर क्षेत्र में इन आदेशों का न कोई असर दिख रहा है और न ही किसी अधिकारी पर कोई खौफ। होली मोहल्ला, किदवई नगर, मारहरा दरवाजा और इस्लाम नगर जैसे घनी आबादी वाले इलाकों में अवैध कट्टीघरों का संचालन खुलेआम धड़ल्ले से जारी है, और यह सब हो रहा है स्थानीय पुलिस और प्रशासन की मिलीभगत से।
❗ कानून के खिलाफ, लेकिन पुलिस की निगरानी में!

सूत्रों के मुताबिक, प्रत्येक अवैध कट्टीघर से ₹10,000 से ₹15,000 महीने की ‘महीनेदारी’ वसूली जाती है, जिसमें कोतवाली नगर थाना और संबंधित विभागों तक यह रकम पहुंचती है। इतना ही नहीं, जिला एटा में कोई अधिकृत स्लॉटर हाउस मौजूद नहीं है, फिर भी यहां से प्रतिदिन क्विंटलों मांस की आपूर्ति हो रही है।

⚖️ क्या कहता है कानून और लाइसेंस की प्रक्रिया?

भारतीय कानून के तहत कोई भी स्लॉटर हाउस बिना वैध लाइसेंस के नहीं चल सकता। इसके लिए निम्न विभागों की अनुमति आवश्यक होती है:

नगर पालिका/नगर निगम: स्थान और संचालन की अनुमति

FSSAI (भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण): खाद्य गुणवत्ता और स्वीकृति

राज्य पशुपालन विभाग: पशु स्वास्थ्य जांच और मानक

राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड: अपशिष्ट निस्तारण और गंध नियंत्रण

अन्य विभागों की NOC: जैसे फायर, बिजली, जल निगम आदि

लाइसेंस मिलने की शर्तों में शामिल हैं:

कट्टीघर 500 मीटर दूर हो रिहायशी और धार्मिक स्थानों से

मांस का वैज्ञानिक तरीके से जांच, पैकिंग, लेबलिंग और कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था की गई हो।

पशु क्रूरता अधिनियम और स्वास्थ्य मानकों का पालन

FSS Act, 2006, IPC की धाराएं, और प्रदूषण नियंत्रण कानून का पूर्ण अनुपालन

🛑 अवैध कट्टीघरों के खतरे

बिना जांच के मांस की खुलेआम बिक्री से संक्रमण और महामारी फैलने का खतरा

पशुओं के साथ क्रूरता की घटनाएं

कचरा, खून और गंध से स्थानीय वातावरण प्रदूषित

कानून व्यवस्था पर सीधा असर — पुलिस संरक्षण में अवैध कारोबार!

📣 प्रशासन की चुप्पी पर जनता का आक्रोश

विश्व हिन्दू परिषद के वरिष्ठ नेता रामौतार मिश्रा ने कहा अवैध रूप से कट्टी घर चलवाने के संरक्षण देने वालों पर कठोर कार्रवाई की आवश्यकता है। समाजसेवी राहुल कुमार ने आरोप लगाते हुए कहा कि कोतवाली नगर क्षेत्र के प्रभारी अमित कुमार और अन्य जिम्मेदार अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए,साथ ही उन्होंने अवैध कट्टी घर चलाने वालों पर कार्रवाई की मांग की है अबशहर में खुलेआम चल रहे कट्टी खाने बंद होने की मांग ज़ोर पकड़ने लगी है । स्थानीय सामाजिक संगठनों, वकीलों और नागरिकों ने शासन को ज्ञापन भेजकर जांच और कठोर कार्रवाई की मांग की है।

“जब जिले में अधिकृत स्लॉटर हाउस ही नहीं है, तो इतने कट्टीघर किसके आदेश पर चल रहे हैं? प्रशासन जवाब दे!” — स्थानीय नागरिक, नाम न छापने की शर्त पर

📌 अब सवाल यह है…

क्या सरकार अपने ही आदेशों को अमल में लाने के लिए तैयार है?

क्या “महीनेदारी सिस्टम” के पीछे छिपे अफसरों और पुलिसकर्मियों पर गिरेगा गाज?

या फिर एटा में यूं ही जारी रहेगा यह कानून और नैतिकता का मजाक?

💬 समाप्ति नहीं, चेतावनी है ये रिपोर्ट

यह स्टोरी सिर्फ एक खबर नहीं — यह जागरूक समाज की चेतावनी है। अब समय आ गया है कि सरकार और उच्च स्तर पर बैठे अधिकारी एटा में जारी इस काले कारोबार पर संज्ञान लें, अवैध कट्टीघरों को तत्काल बंद करवाएं और दोषी अधिकारियों को बर्खास्त करें।

वरना आने वाले समय में न केवल कानून का भरोसा उठेगा, बल्कि जनस्वास्थ्य पर बड़ा संकट खड़ा हो सकता है। वैभव वार्ष्णेय

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

यह खबर /लेख मेरे ( निशाकांत शर्मा ) द्वारा प्रकाशित किया गया है इस खबर के सम्बंधित किसी भी वाद - विवाद के लिए में खुद जिम्मेदार होंगा

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