
पटना, 28 जून 2025 – भारत के चुनाव इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया है। बिहार ने देश का पहला राज्य बनकर इतिहास रच दिया है, जहां नगरपालिकाओं के आम व उपचुनावों में मोबाइल ऐप के माध्यम से ई-वोटिंग कराई जा रही है। यह सुविधा आज यानी 28 जून को राज्य के आठ जिलों में होने वाले नगर निकाय चुनावों में लागू की गई है।
🔰 कहाँ हो रहा है यह प्रयोग?
यह ऐतिहासिक ई-वोटिंग प्रणाली पटना, पूर्वी चंपारण, रोहतास, गया, बक्सर, बांका, सारण और सिवान जिलों की नगरपालिकाओं में लागू की गई है।
📲 कैसे काम करती है ई-वोटिंग?
दो मोबाइल ऐप्स के माध्यम से वोटिंग:
“e-Voting SECBHR” (C-DAC द्वारा विकसित)
बिहार राज्य निर्वाचन आयोग का आधिकारिक ऐप
सुरक्षा के लिए OTP, फेस रेकग्निशन, लाइवनेस डिटेक्शन और ब्लॉकचेन ऑडिट ट्रेल जैसी आधुनिक तकनीकें लागू की गई हैं।
एक मोबाइल पर अधिकतम दो वोटर लॉगिन कर सकते हैं। वोट डालने से पहले मतदाता पहचान पत्र और बायोमेट्रिक सत्यापन जरूरी है।
👥 कितने मतदाता और कौन कर सकते हैं वोटिंग?
इस सुविधा के लिए कुल 51,155 मतदाताओं ने रजिस्ट्रेशन कराया है, जिनमें:
26,038 पुरुष और 25,117 महिलाएं शामिल हैं।
बक्सर जिला इस पहल में सबसे आगे रहा है, जहां सबसे अधिक मतदाताओं ने पंजीकरण कराया।
पात्रता की सूची में वरिष्ठ नागरिक, दिव्यांग, गर्भवती महिलाएं, बीमार व्यक्ति और प्रवासी मजदूर शामिल हैं।
🗓️ चुनाव कार्यक्रम और तकनीकी व्यवस्था
वोटिंग समय: 28 जून को सुबह 7 बजे से दोपहर 1 बजे तक
मतगणना: 30 जून को की जाएगी
ई-वोटिंग के लिए 136 तकनीकी बूथ बनाए गए हैं, जहां कंट्रोल रूम और हेल्पलाइन भी सक्रिय है।
🌍 बदलाव की दिशा में पहला कदम
बिहार की इस डिजिटल पहल से मतदान प्रक्रिया न केवल आसान और सुलभ होगी, बल्कि भविष्य में विधानसभा और लोकसभा चुनावों के लिए भी एक मॉडल प्रणाली स्थापित हो सकती है। भारत अब उन गिने-चुने देशों की कतार में खड़ा हो गया है, जहां घर बैठे मोबाइल से सुरक्षित वोटिंग संभव हो पाई है।
📌 निष्कर्ष:
बिहार की यह पहल डिजिटल इंडिया की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। तकनीक और लोकतंत्र के मेल से अब वोटिंग पहले से ज्यादा सुरक्षित, पारदर्शी और समावेशी हो गई है। बाकी राज्यों के लिए भी यह एक प्रेरणा बन सकती है।