
एटा मेट्रो हॉस्पिटल एटा में इलाज में घोर लापरवाही का मामला सामने आया है, जहां 6 साल के मासूम शशिकांत की संदिग्ध हालात में मौत हो गई।
सिर में चोट लगने पर भर्ती किया गया था मासूम
मूल रूप से लोहा खार निवासी निवासी शिशुपाल ने अपने बेटे शशिकांत को 24 जून को मेट्रो हॉस्पिटल में भर्ती कराया था। सिर में गंभीर चोट लगने के चलते बच्चे की हालत लगातार बिगड़ती जा रही थी।
पिता ने की आगरा रेफर की गुहार, नहीं माने डॉक्टर
शशिकांत के पिता ने बार-बार डॉक्टरों से आगरा रेफर करने की मांग की, लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने कोई सुनवाई नहीं की। यहां तक कि परिजनों ने अपनी ओर से एंबुलेंस की व्यवस्था कर ली थी, लेकिन हॉस्पिटल स्टाफ ने उसे भी लौटा दिया।
छुट्टी तक नहीं दी गई, बिगड़ती रही हालत
परिजनों ने बार-बार कहा कि बच्चा ठीक नहीं हो रहा है, उसे छुट्टी दे दी जाए ताकि वे किसी बड़े अस्पताल ले जा सकें, लेकिन डॉक्टरों ने बच्चे को डिस्चार्ज नहीं किया।
अंततः मासूम ने तोड़ा दम
लंबे इंतजार और इलाज में लापरवाही के चलते शशिकांत की हालत और बिगड़ी और अंततः उसकी मौत हो गई।
परिजनों का आरोप – पैसे के लिए बच्चे की जान ले ली
परिजनों ने मेट्रो हॉस्पिटल पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि डॉक्टरों ने जानबूझकर पैसे के लिए मासूम को रेफर नहीं किया।
प्रशासन पर उठे सवाल – कब होगी कार्रवाई?
यह कोई पहला मामला नहीं है, जब निजी अस्पतालों की लापरवाही से किसी की जान गई हो। सवाल यह है कि क्या ऐसे अस्पतालों पर कोई कार्रवाई होगी या यूं ही मासूमों की जान यूं ही जाती रहेगी?
परिजनों ने प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है और दोषी डॉक्टरों पर सख्त कार्रवाई की मांग की