इटावा के ग्राम दादरपुर की घटना अत्यंत निंदनीय,और उससे भी ज्यादा निंदनीय उसे जातीयता के रंग में रंगना, अरुण दीक्षित

इटावा के ग्राम दादरपुर की घटना अत्यंत निंदनीय,और उससे भी ज्यादा निंदनीय उसे जातीयता के रंग में रंगना, अरुण दीक्षित। दिल्ली 27 जून भगवान परशुराम सेवा संस्थान द्वारा संचालित सामाजिक संगठन सामाजिक चेतनामंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरुण दीक्षित ने उत्तर प्रदेश के जनपद इटावा के ग्राम दादरपुर की घटना की निंदा करते हुए,इसपर तीव्र प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए,कहा,कि ग्राम दादरपुर में एक कथित कथावाचक के साथ,जोभी घटना घटित की गई,है,बह अत्यंत निंदनीय है,और उससे भी ज्यादा उसे जातीयता के रंग में रंगना है,श्री दीक्षित ने कहा कि,कथावाचक किसी भी जाति का हो सकता है, परन्तु कोई भी कथावाचक यदि अपनी जाति छुपाकर ऐसा करता है,तो यह एक सामाजिक एवं कानूनी अपराध है,और इस के बदले उसके साथ जो सलूक किया गया,वो भी इसी श्रेणी में आता है,और दोनों के विरुद्ध विधि संगत कार्यवाही होनी चाहिए,ना कि उसे राजनीतिक रोटियां सेकने के लिए जातीय संघर्ष का रूप देना चाहिए,जिससे सामाजिक समरसता प्रभावित हो,श्री दीक्षित ने आगे कहा कि किसी भी संपूर्ण जाति पर किसी भी राजनीतिक पार्टी के एकाधिकार नहीं होता है,इस प्रकरण में सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव की एक पक्षीय भूमिका इसे जातीय संघर्ष का रूप दे रही है,जो एक आदर्श समाज के लिए उचित नहीं है,ऐसा नहीं है, कि अखलेश यादव को केवल यादव जाति का ही संपूर्ण वोट मिलता हो,और ब्राह्मण उन्हें वोट न देते हो,श्री दीक्षित ने इस सम्बन्ध में दोनों पक्ष के राजनेताओं और दोनों जातियों के लोगों से अनुरोध किया,कि इस सम्बन्ध में दोनों पक्षों की एफ आई आर पंजीकृत हो चुकी है, कानून को अपना काम करने दे,अपनी- अपनी राजनीत चमकाने के लिए इसे जातीय संघर्ष का रूप न दें

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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