अरविंद कुमार ब्यूरो चीफ पीलीभीत
मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए पीटीआर में स्थापित किया जाएगा अत्याधुनिक रेस्क्यू सेंटर

मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने के उद्देश्य से वन एवं वन्यजीव विभाग चार आधुनिक बचाव केंद्र स्थापित कर रहा है। जंगली जानवरों से ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए योगी सरकार के निर्देश प्रदेश के मेरठ, पीलीभीत, महराजगंज और चित्रकूट में अत्याधुनिक रेस्क्यू सेंटर बनाए जा रहे हैं। ये केंद्र लोगों और बाघों, तेंदुओं और गीदड़ों सहित बड़े मांसाहारियों के बीच बढ़ती मुठभेड़ों का प्रबंधन करेंगे। ये केंद्र रणनीतिक रूप से स्थित हैं और पश्चिमी उत्तर प्रदेश, तराई, अवध और बुंदेलखंड के क्षेत्रों में स्थित हैं, ताकि मानव बस्तियों में भटक कर आने वाले जंगली जानवरों को सुरक्षित रखा जा सके।
इन रेस्क्यू सेंटरों का निर्माण 56 करोड़ रुपये की लागत से कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन सर्विस (CNDS) कर रही है। रेस्क्यू सेंटरों के संचालन में राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) सहयोग करेगी जो जरूरी मैनपावर और उपकरणों की व्यवस्था करेगी।
प्रदेश के मुख्य वन संरक्षक अनुराधा वेमुरी ने बताया कि इन सेंटरों का मुख्य उद्देश्य उन ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों को सुरक्षित बनाना है, जो जंगलों के पास बसे हैं और जहां आए दिन हिंसक जंगली जानवर गांवों की तरफ आ जाते हैं। रेस्क्यू सेंटर जानवरों को पकड़ने उनका इलाज करने उन्हें क्वारंटीन में रखने और फिर सुरक्षित जंगल में वापस छोड़ने के लिए बनाए जा रहे हैं। इन सेंटरों में आधुनिक इलाज की सुविधा क्वारंटीन क्षेत्र वॉच टावर ट्रेनिंग हॉल और कर्मचारियों के लिए आवास जैसी सुविधाएं मौजूद होंगी। इससे रेस्क्यू ऑपरेशन भी तेज़ और सुरक्षित तरीके से किए जा सकेंगे।
उत्तर प्रदेश में तराई बुंदेलखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में पिछले कुछ वर्षों में मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं बढ़ी हैं। खासतौर पर पीलीभीत टाइगर रिजर्व, सोहागीबरवा अभ्यारण्य (महराजगंज) और रानीपुर वन्यजीव विहार (चित्रकूट) जैसे क्षेत्रों से लगे गांवों में बाघ और तेंदुए के हमले की कई घटनाएं सामने आई हैं। अकेले पीलीभीत में बीते पांच वर्षों में दर्जनों लोगों की मौत जंगली जानवरों के हमलों में हो चुकी है। इन परिस्थितियों को देखते हुए योगी सरकार ने रेस्क्यू सेंटरों की स्थापना को प्राथमिकता दी है। ये सेंटर वन विभाग को न सिर्फ इन घटनाओं से बेहतर ढंग से निपटने में मदद करेंगे बल्कि जंगली जानवरों के संरक्षण में भी अहम भूमिका निभाएंगे। रेस्क्यू सेंटरों के निर्माण से ग्रामीण इलाकों में दहशत का माहौल कम होगा, और वन विभाग को भी समय रहते कार्रवाई करने में सहूलियत मिलेगी। सरकार का यह कदम वन्यजीव संरक्षण और मानव जीवन की सुरक्षा दोनों के संतुलन की दिशा में एक बड़ी पहल मानी जा रही है। वन विभाग पहले भी मानव वन्यजीव संघर्ष को रोकने के लिए जागरूकता अभियान चला चुका है लेकिन अब ये रेस्क्यू सेंटर उस अभियान को जमीनी मजबूती देंगे।
पीलीभीत टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर मनीष सिंह ने बताया की मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने के उद्देश्य से पूरनपुर में रेस्क्यू सेंटर का निर्माण किया जा रहा है। कार्यदायी संस्था उत्तर प्रदेश जल निगम निर्धारित मानदंडों के अनुरूप कार्य कर रही है। निर्धारित समय पर कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा। वचाव केन्द्र के स्थापित होने से वन्यजीव प्रबंधन और ग्रामीणों की सुरक्षा को लेकर बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।