कासगंज रेलवे स्टेशन का रीमॉडलिंग (जीणोद्धार) काम बहुत धीमा – जनता में नाराज़गी

कासगंज शहर की जनता पिछले एक साल से इंतजार कर रही है। भारत सरकार की “अमृत भारत योजना” के तहत कासगंज रेलवे स्टेशन के जीर्णोद्धार (नई सुविधाओं के लिए सुधार) के लिए ₹36 करोड़ रुपए मंजूर हुए थे। काम की शुरुआत भी हो गई थी, और उद्घाटन भी हो गया था।

लेकिन आज एक साल बीत जाने के बाद भी काम बहुत धीरे-धीरे चल रहा है।
जहां नए और सुंदर स्टेशन की उम्मीद थी, वहां अभी भी अधूरा काम दिखाई देता है।

यह देरी सिर्फ लापरवाही नहीं है, यह कासगंज की जनता के साथ अन्याय है।
स्टेशन पर रोज हज़ारों यात्री आते हैं, लेकिन उन्हें सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं।

हमारी मांग है कि रेलवे स्टेशन का काम तेजी से पूरा कराया जाए, ताकि लोगों को साफ़, सुरक्षित और आधुनिक स्टेशन मिल सके।

अहरौली अंडरपास में अंधेरा – लोगों की जान को खतरा

कासगंज शहर के अहरौली अंडरपास से हर दिन करीब 5000 लोग आते-जाते हैं।
इस रास्ते से बच्चे स्कूल जाते हैं, लड़कियां ट्यूशन जाती हैं, बुजुर्ग और महिलाएं रोज़ निकलते हैं।

लेकिन इस अंडरपास में अंधेरा रहता है, क्योंकि वहां लाइट नहीं लगी है।
शाम होते ही रास्ता डरावना हो जाता है। कई बार लोग गिर जाते हैं या किसी दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं।

हमारी मांग है कि अहरौली अंडरपास के दोनों तरफ और अंदर अच्छी लाइट लगाई जाए, ताकि हर कोई सुरक्षित महसूस करे।

ये सिर्फ सुविधाएं नहीं, ये हर नागरिक का अधिकार है।

हम चाहते हैं कि रेलवे विभाग इन दोनों समस्याओं पर तुरंत ध्यान दे और कार्रवाई करे।

कासगंजकाहक

अंधेराहटाओसुरक्षा_लाओ

-अब्दुल हफीज गांधी

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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