
आयुष्मान कार्ड अधिकारी दबाए बैठे हैं पत्रकारों की सूची, सूचना निदेशालय पर लगाया बजट न दिए जाने का आरोप
-मदन गोपाल शर्मा
लखनऊ/एटा। विगत दो वर्षों से लगातार जनपद एटा के पत्रकार सूचना निदेशालय और मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन उन्हें यह नहीं मालूम कि मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत पत्रकारों को आयुष्मान कार्ड किस वजह से नहीं मिल पा रहे हैं। पत्रकारों को आयुष्मान कार्ड जारी न किये जाने की असल वजह है सूचना निदेशालय द्वारा आयुष्मान कार्ड कार्यालय को पत्रकारों की गिनती के अनुरूप बजट न भेजना। आयुष्मान कार्ड कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक उतने ही पत्रकारों को आयुष्मान कार्ड जारी किये जा सकेंगे जितने का बजट सूचना निदेशालय उत्तर प्रदेश उन्हें भेज देगा।
गत 11 जून को लखनऊ के सूचना निदेशालय से आयुष्मान कार्ड कार्यालय लखनऊ का पता लेकर खोजते हुए आयुष्मान कार्ड कार्यालय पहुंचे तो पूछताछ करने पर एक वरिष्ठ अधिकारी ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया कि सूचना निदेशालय द्वारा पत्रकारों के आयुष्मान कार्ड जारी किये जाने के लिए सूची तो भेज दी जाती है लेकिन जितने पत्रकारों को चिकित्सा सुविधा दिलाने हेतु आयुष्मान कार्ड दिलाना है उतना बजट आयुष्मान कार्ड कार्यालय को नहीं भेजा जाता है यही वजह है कि आयुष्मान कार्ड कार्यालय पत्रकारों व उनके परिजनों के उपचार हेतु आयुष्मान कार्ड जारी नहीं कर रहा है। उप निदेशक सूचना विभाग को जब आयुष्मान कार्ड अधिकारी से हुई बातचीत को बताया गया तो उन्होंने आयुष्मान कार्ड कार्यालय के अधिकारियों पर ही आरोप लगा दिया कि उन्होंने गत वर्ष दिए बजट के व्यय का अभी तक विवरण नहीं दिया है इसलिए नया बजट नहीं भेजा गया है। हालांकि उप निदेशक ने एटा के पत्रकार द्वारा दिए गये पत्र पर आदेश तो किये हैं उम्मीद है कि शायद बजट आयुष्मान कार्यालय को भेज दिया जाए।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश भर के पत्रकारों और उनके परिजनों को मुफ्त उपचार मुहैया कराने के प्रति प्रयत्नशील मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना शुरू कर लाभान्वित करने का प्रयास किया है लेकिन विभागीय अधिकारियों का पत्रकारों के प्रति उपेक्षात्मक रवैया मुख्यमंत्री की अति महत्वपूर्ण योजना को ही लागू नहीं होने दे रहा है।