
शहर की लाइफ लाइन सड़क का विगत दस वर्षों में नहीं हो सका चौड़ीकरण
शहर की सड़कों में जाम के झाम में फंसे रहते हैं शहर वासी
यातायात प्रभारी ने दोपहर में खुलवाया था जाम किंतु रात में फिर लगी वाहनों की कतारें, रात भर फंसे रहे वाहन
फतेहपुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के सभी जनपदों में गड्ढा युक्त सड़कों को गड्ढा मुक्त सड़कों में बदलने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि यदि प्रदेश के किसी भी जनपद की सड़के गड्ढा युक्त हो तो उन्हें गड्ढा मुक्त किया जाए और राहगीरों को चलने हेतु बेहतर सड़क मिल सके जिसके लिए शासन द्वारा उचित बजट भी दिया जाएगा। मुख्यमंत्री के निर्देशों के बावजूद प्रदेश के जनपद फतेहपुर में गड्ढा युक्त सड़कों को गड्ढा मुक्त ना किया जा सका। मालूम रहे कि शहर के जेल रोड बक़ंदा मोड चौराहा पर सड़क गहरी गढ़ों में तब्दील हो गई जिस पर संबंधित अधिकारियों की नजर तक नहीं पड़ रही है और राहगीरों की जिंदगी के लिए काल बन चुकी सड़क यदि गड्ढा मुक्त नहीं की गई तो काल के गाल में समा सकता है राहगीर। हैरत की बात तो यह है कि संबंधित अधिकारीसड़कों को गड्ढा मुक्त करने के बजाय धृतराष्ट बने बैठे हैं। हैरत की बात तो यह है कि गड्ढा युक्त मार्ग पर बकंडा चौराहा पर हमेशा जाम की स्थिति बनी रहती है जिसके कारण यातायात पुलिस भी अब घुटने टेकने को मजबूर है। मालूम रहे कि यातायात प्रभारी लाल जी ने अपने मातहतों के साथ गुरुवार को बड़े वाहनों के कारण लगे जाम की स्थिति को कंट्रोल कर यातायात व्यवस्था को दुरुस्त किया गया इतना हि नहीं यातायात प्रभारी लाल जी ने एक बाइक सवार चालक को गहरे गड्ढे में तब्दील सड़क पर गिरने से भी बचाया। हैरत की बात तो यह है कि आखिर कब तक जाता याद पुलिस के भरोसे शहर की सड़कों को जाम से मुक्त कराया जाएगा जबकि शहर की सड़कों का विगत दस वर्षों में चौड़ीकरण ही ना हो सका। शहर की लाइफलाइन कही जाने वाली सड़क बांदा सागर मार्ग ( ज्वालागंज से राधानगर मार्ग ) पर हर समय जाम की स्थिति बनी रहती है और शहरवासियों को जाम के झाम से निजात नहीं मिल रही है। किंतु जिला प्रशासन के संबंधित अधिकारीयो को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। गौरतलब बात तो यह है कि आखिरकार कब शहरवासियों को जाम से निजात मिल सकेगी।