
बरेली में इल्मा की शादी 2 साल पहले राहुल से हुई थी। कुछ दिनों से वह बीमार चल रही थी..
इल्मा का निकाह भी हुआ था और हिंदू रीति रिवाज से भी शादी हुई थी..
हिन्दू परिवार में शादी के बावजूद इल्मा की आखिरी ख्वाहिश थी कि उसे मुस्लिम रीति रिवाज से दफनाया जाए…
बेटी की ख्वाहिश के मुताबिक जब इल्मा के वालिद मस्जिद इमाम के पास गए तो उन्होंने जनाजा लेने से इनकार कर दिया.. यहां तक की खटोला देने से भी इंकार कर दिया गया..
मामला दरगाह के उलमा तक पहुंचा। उन्होंने भी मना कर दिया तो इल्मा के परिजन जनाजे की नमाज पढ़ाए बिना ही उसे बाकरगंज स्थित कब्रिस्तान ले गए।
वहां भी विरोध हुआ, लेकिन पुलिस के हस्तक्षेप के बाद शव दफनाया जा सका। इल्मा का पति राहुल और अन्य ससुराल वाले भी जनाजे में शामिल रहे।