लखनऊ की एडीजे कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है

लखनऊ…..यूपी पुलिस और मानवता को 25 साल पहले अपनी क्रूरता से हिला देने वाले राम निरंजन उर्फ राजा कोलंदर व उसके साले बक्षराज को लखनऊ की एडीजे कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। दोनों पर ढाई-ढाई लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया। मूल रूप से प्रयागराज निवासी रामनिरंजन के फार्म हाउस से एक दर्जन से अधिक नरमुंड बरामद हुए थे। इसके अलावा उसने लखनऊ के पत्रकार मनोज सिंह व उनके ड्राइवर रवि की हत्या भी की थी। दोनों की गुमशुदगी यहां नाका हिंडोला थाने में दर्ज हुई थी। राम निरंजन ने खुद कबूल किया था कि वो हत्या के बाद भेजा निकालकर खोपड़ी में सूप पीता था।
प्रयागराज के शंकरगढ़ स्थित हिनौता गांव का निवासी राम निरंजन कोल उर्फ राजा कोलंदर एक आर्डिनेंस फैक्ट्री में काम करता था। वो ब्याज पर लोगों को रकम भी उधार देता था। जाति के लोगों में दबदबा होने के कारण लोग उसे राजा कोलंदर कहने लगे यहीं से उसका दिमाग फिरने लगा। आलम ये हो गया कि राजा बनने की सनक में पत्नी का नाम फूलन देवी और दोनों बेटों के नाम अदालत और जमानत रख दिया। पत्नी जिला पंचायत सदस्य रही तो उसे राजनीति और लोकल पुलिस का भी सपोर्ट मिल जाता था।धीरे-धीरे उसकी सनक उसे जुर्म की दुनिया मे ले आई। उसका कहना था कि जो आदमी उसे पसंद नहीं उसे वह अपनी अदालत में सजा जरूर देता है। उसने हत्याएं करनी शुरू कर दीं। इसमें उसका साथ रिश्ते का साला बक्षराज देने लगा। लोग गायब होते और फिर उनकी लाशें मिलतीं। खोजबीन में लगी पुलिस को कई वारदातों में उसकी मौजूदगी के साक्ष्य मिले तो शिकंजा कसा गया। वर्ष 2000 में लापता हुए पत्रकार धीरेंद्र की खोजबीन में लगी पुलिस को राजा कोलंदर के घर से तलाशी में डायरी मिली। इस डायरी ने 14 हत्याओं का राज खोल दिया। पुलिस ने डायरी के आधार पर उससे पूछताछ की तो उसके पिपरी में बने फॉर्म हाउस से अशोक कुमार, मुइन, संतोष और काली प्रसाद के नरमुंड बरामद हुए, इसकी हत्या का जिक्र डायरी में था। पूछताछ में पता चला कि राजा कोलंदर ने 14 लोगों का कत्ल किया था।पूछताछ में पुलिस का भी सिर चकरा गया जब राम निरंजन से राजा कोलंदर ने हत्या के बाद का सच बताया। वो हत्या के बाद उनके धड़ फेंक देता था और सिर सुरक्षित रख लेता। खोपड़ी को भेजा निकाल कर खाली कर लेता फिर उसमें सूप पीता था। उसने पुलिस को बताया था कि उसने आर्डिनेंस फैक्ट्री के साथी कर्मचारी काली प्रसाद श्रीवास्तव को इसलिए मारा था, क्योंकि वह कायस्थ था। उसका मानना था कि कायस्थ लोगों का दिमाग तेज होता है। वह कई दिनों तक उसकी खोपड़ी के हिस्से को भूनकर खाता रहा। उसके भेजे को उबालकर सूप बनाकर पीता रहा। इलाहाबाद कोर्ट ने दिसंबर, 2012 को रामनिरंजन उर्फ राजा कोलंदर को उम्रकैद की सजा सुनाई।यूपी की राजधानी से उसका रिश्ता तब जुड़ा जब दिसंबर 1999 में लखनऊ आए राजा कोलंदर ने प्रयागराज जाने के लिए नाका हिंडोला से पत्रकार मनोज सिंह की टाटा सूमो बुक कराई। सूमो में मनोज व उनका ड्राइवर रवि भी था। कई दिन तक घर वापस न लौटने पर परिवार ने मनोज की गुमशुदगी थाने में दर्ज कराई थी। काफी दिन बाद दोनों की लाशें नग्न हालत में मिलीं थीं। इसी केस में कोलंदर और बच्छराज को 19 मई को लखनऊ की एडीजे कोर्ट ने दोषी करार दिया था और शुक्रवार को उम्रकैद सुनाई है।

About The Author

निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

यह खबर /लेख मेरे ( निशाकांत शर्मा ) द्वारा प्रकाशित किया गया है इस खबर के सम्बंधित किसी भी वाद - विवाद के लिए में खुद जिम्मेदार होंगा

Learn More →

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

अपडेट खबर के लिए इनेबल करें OK No thanks