
कपूरथला: जम्मू कश्मीर के पहलगाम के बायसरन घाटी में 22 अप्रैल को आतंकी गोलीबारी में 26 टूरिस्ट की मौत हो गई थी. पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान पर कई प्रतिबंध लगा दिए हैं. भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव के बीच अटारी-वाघा बॉर्डर बंद होने से अफगानिस्तान से भारत आने वाले ड्राई फ्रूट्स के व्यापार पर असर पड़ा है. इनके दामों में 10 से 25 फीसदी तक की बढ़ोतरी हो सकती है.
फेडरेशन ऑफ ग्रॉसर्स एंड ड्राई फ्रूट ट्रेडर्स ने कहा, ’22 अप्रैल को अटारी-वाघा सीमा बंद होने के बाद अफगानिस्तान के कंधार से सूखे मेवे लेकर कोई भी ट्रक अटारी नहीं आ रहा है. पाकिस्तान की ओर से वाघा सीमा पर लगभग 200 ट्रक खड़े हैं, जिन्हें भारत में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जा रही है.’
एसोसिएशन के अनुसार, “पहलगाम आतंकवादी हमले से पहले ऑफ सीजन में गर्मी के कारण औसतन 15 से 20 ट्रक प्रतिदिन अटारी आते थे और 15 जुलाई से दिवाली तक सीजन के दौरान 40 से 60 ट्रक प्रतिदिन आते थे, लेकिन अब आतंकवादी हमले के कारण जान-माल के साथ-साथ आर्थिक नुकसान भी हुआ है.”
गौरतलब है कि भारत द्वारा सड़क, जल और हवाई मार्ग समझौते रद्द करने के कारण पाकिस्तान ने अफगानिस्तान से पाकिस्तान के रास्ते भारत आने वाले ड्राई फ्रूट्स से लदे करीब 200 ट्रकों को रास्ता देने से इनकार कर दिया है. जिसके कारण सभी ट्रक रास्ते में ही फंस गए हैं. जिसका सीधा असर ड्राई फ्रूट्स के व्यापार पर पड़ा है.
पिछले 5 दिनों में ड्राई फ्रूट्स के दामों में 100 रुपये से लेकर 400 रुपये प्रति किलो तक का इजाफा हुआ है. दुकानदारों का मानना है कि गर्मी में सभी ड्राई फ्रूट्स की मांग कम हो जाती है, लेकिन अगर ठंड का मौसम होता तो दाम और भी ज्यादा बढ़ सकते थे.
ड्राई फ्रूट विक्रेता ने बताया, ’22 अप्रैल को पहलगाम में हुए हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के साथ कई अहम समझौते रद्द कर दिए, जिसकी वजह से ड्राई फ्रूट्स की आवक पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है.’ दुकानदारों का कहना है कि अफगानिस्तान समेत कई अन्य देशों से ज्यादातर ड्राई फ्रूट्स पाकिस्तान के रास्ते भारत आते हैं, जो अब नहीं पहुंच रहे हैं.
रिटेलर के अनुसार, इतिहास में पहली बार गर्मी के मौसम में ड्राई फ्रूट्स के दाम बढ़े हैं. इसके चलते आने वाले दिनों में मिठाइयों के दाम भी बढ़ सकते हैं, जिससे त्योहारी सीजन न होने के बावजूद गर्मी के मौसम में लोगों की जेबें हल्की हो रही हैं.
सूत्र