
मध्यप्रदेश में होने जा रहे विधानसभा के उपचुनाव में दागी बिकाऊ विधायको को जीत की उम्मीदें लगी हुयी है और हाल ही में दल बदलकर आये बीजेपी में पलटूमार विधायकों की उम्मीदें निर्वाचन क्षेत्रों से लगी हुयी है ।
सत्ता को ठोकर मार कर बीजेपी में आये दल बदलू मंत्रियों को जनता सबक सीखाने के मूड में है ।
और कांग्रेस उनको हराने के लिए नये चेहरे ढूंढ रही है ।
जबकि भाजपा के कद्दावर नेताओ के मध्य इन बागी मंत्रियों का खुलकर विरोध हो रहा है ।
भाजपा ने कुछ इंका बागी मंत्रियों को शिवराज की सरकार में मंत्री पद से नबाजा है ।
इनकी पार्टी में मनोमान्यता के साथ साथ कही कही मुखर विरोध भी हो रहा है ।
बडामलहरा विधानसभा सीट से भाजपा का टिकट मांग रही रेखा यादव के बारे मे कहायसे लगायी जा रही है कि अगर इनको बीजेपी से टिकट नहीं मिला तो कांग्रेस के पाले में कूद सकती है ।
पूर्व विधायक श्रीमति रेखा यादव में कांग्रेसी प्रेम भी उभरने लगा है ।
हरबोलों की माने तो अगर इस स्थिति में रेखा यादव को बीजेपी से टिकट नही मिलता है तो कांग्रेस में शामिल हो जायेगी और कांग्रेस ने अगर अपनी ही पार्टी के दावेदारों को दरकिनार कर किसी अन्य को टिकट दिया तो माना जा रहा है कि एक सीट का नुकसान कांग्रेस का निश्चित है ।
कमलनाथ को चाहिए कि पार्टी के ही निष्ठावान कार्यकर्ता के रूप में निरन्तर सक्रिय मजदूर किसान और जरूरमंदो के हित अधिकारो के प्रति समर्पित पूर्व विधायक रहे कपूर चन्द्र घुवारा के जेष्ठ चिरंजीवी पवन घुवारा को अगर कांग्रेस पार्टी प्रत्याक्षी बनाती है तो निश्चित ही पवन घुवारा की कार्यशैली और सौम्य सरल व्यवहार होने के कारण सर्वहारा वर्ग में पवन घुवारा की अच्छी खासी पकड है और इसका इजाफा कांग्रेस को मिलेगा ।
भूमिपुत्र के नाम से जाने पहचाने जा रहे पवन घुवारा कांग्रेस पार्टी में निष्ठावान और समर्पित कार्यकर्ता है दलबदलू नही है ।
बडामलहरा विधानसभा में लगभग 40% से ज्यादा SC/ST मतदाताओं की संख्या है ।
जिनमें पवन घुवारा की अच्छी खासी पकड के चलते इसका इजाफा कांग्रेस को मिलेगा ।
और विधानसभा चुनाव में सर्वहारा वर्ग का चर्चित चेहरा पवन घुवारा के समर्थन में अनुसूचित जाति जनजाति वर्गों के बुध्दिजीवी समर्थक भी यही चाहते है कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ अगर पवन घुवारा को बडामलहरा से विधानसभा प्रत्याशी बनाते है तो जीत सुनिश्चित है ।
सनद रहे विकाऊ और दलबदलुओं ने कमलनाथ सरकार को गिराया था जयचंदों से दूरिया बनाकर रखना ही कांग्रेस पार्टी हितकर होगा ।