रामनाम की लूट है, लूट सके सो लूट को चरितार्थ करती नगर पालिका परिषद चुनार

थूक लगाकर कागज हटाने जैसा हो रहा डामर कार्य
चुनार। नगरपालिका क्षेत्र मे इन दिनों लूट सके सो लूट के तहत विभिन्न वार्डों मे नाली/नाले के नव निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। पालिका के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा मानक को नजरअंदाज करने के चलते ठेकेदारो द्वारा मानक के विपरीत विना लाल बालू के प्रयोग से केवल भस्सी व सीमेंट के मिलावट से मशाला तैयार कर बोल्डर से नाले के जोडाई का कार्य कराया जा रहा है। आश्चर्य जनक बात तो यह है कि मेन सड़क के किनारे नाले के निर्माण का कार्य प्रगति पर है और इसी सड़क से तहसील व पालिका के आला अधिकारियों का भी आना जाना है लेकिन ठेकेदार द्वारा निर्भीकता पूर्ण मानक को ताक पर रख कर कार्य कराया जा रहा है। इसी के साथ लगभग 30वर्ष पुराने डामर वाली सडक दरगाह मोड़ से बहरामगंज जाने वाली डामर सड़क पर तमाम बने गड्ढे को पहाड़ी मिट्टी व गिट्टी डाल कर उपर से पेन्टींग का कार्य कराया जा रहा है।जो थूक लगाकर कागज हटाने जैसा है। गौर तलब बात यह है कि जहां से डामर वाली सड़क का कार्य शुरू हुआ है वही पालिकाध्यक्ष का निजी आवास है वावजूद ठेकेदार निर्भिक होकर मानक का अनदेखी कर कार्य करा रहे है।इससे स्पष्ट है कि ठेकेदार को विभाग के द्वारा खुली छुट मिली हुई है।इस बात की चर्चा चाय और पान की दुकानों पर लोगों द्वारा करते सुना गया कि पालिका की छवि अच्छी है तो कराए जा रहे कार्य की निष्पक्ष जांच करा दी जाय तो असलियत खुद ब खुद सामने आ जाएगी।अब देखना यह है कि विभागीय अधिकारियों द्वारा तैयार किये गए मशाले का शैम्पल व कराये जा रहे डामर निर्माण कार्य की जांच कराकर उचित कार्यवाही की जाती है या फिर अपने निहित स्वार्थ के वसिभूत ठेकेदार को सरकारी धन का दुरूपयोग करने मे अपना सहमति।