
कासगंज,प्राइवेट स्कूलों की चांदी, अविभावकों ने शोषण के खिलाफ जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन।
जनपद में आजकल प्राइवेट स्कूलों की मनमानी चर्चा का विषय बनी हुई है जिसको लेकर बच्चों क अविभावकों में खासा रोष व्याप्त है , अविभावकों ने आहत होकर जिलाधिकारी मेघा रुपम को एक ज्ञापन सौंपा।
इन अविभावकों का कहना है कि इन स्कूलों के पास न तो एडमीशन फीस मासिक शुल्क अथवा अन्य शुल्कों को लेकर कोई मानक नहीं है उन्होंने बताया कि ये लोग हर वर्ष पाठ्यक्रम बदल देते हैं जिससे पिछले वर्ष की किताबें किसी जरूरतमंद बच्चे के काम नही आतीं। और लोकल प्रशासन की किताबें और स्कूल से ही यूनीफोर्म लेने को मजबूर करते हैं उनका कहना है कि पांचवें छटे की पुस्तकें भी पांच से बारह हजार के बीच आती है और स्टेशनरी अलग। अविभावकों ने बताया कि इस तरह की मनमानी को प्रदेश शासन तक पहुंचाएंगे।
एसोसिएशन आफ डेमोक्रेटिक ह्यूमन राइट्स के सदस्यों ने जिलाधिकारी मेघा रूपम को दिए गए ज्ञापन में कार्यकर्ताओं से कहा कि स्कूल प्रबंधन सुनियोजित दुकानों को किताबें बेचने का ठेका देकर एवं विद्यालय से ड्रेस एवं अन्य सामान खरीदने को मजबूर करते हैं उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने 2018 में स्व वित्त पोषित स्वतंत्र विद्यालय शुल्क अध्यादेश लागू किया था जिसका स्कूल संचालक खुला उलंघन कर रहे हैं अविभावकों का कहना था कि शैक्षणिक सत्र 2015-16 को मानकर फीस तय की जानी चाहिए लेकिन 2025-26 तक फीस दो गुनी से भी ज्यादा हो गई है हर साल पाठ्यक्रम बदलाव कारण भी स्पष्ट नहीं है उन्होंने बताया कि स्कूल प्रबंधन प्राइवेट प्रकाशकों से पैसे लेकर किताबें बदलवाते है जबकि छोटे बच्चों की किताबें तीन से दस हजार के बीच आती है । इस तरह अविभावकों का आर्थिक शोषण हो रहा है । उन्होंने इस संबंध में जिलाधिकारी से आवश्यक कार्यवाही की मांग की , इस अवसर पर निमिष अग्रवाल , सूर्यांश अग्रवाल ,मानव माहेश्वरी ,विधान चौधरी ,पारस गोयल ,ओम ठाकुर ,संभव जैन , गौरव वर्मा , मयंक बिड़ला आदि लोग उपस्थित रहे बताए जाते हैं।