शिवपुर चकदहा में हुए दोहरे निषाद हत्याकांड के पीड़ित परिजनों से निषाद पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष ने की मुलाक़ात

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शिवपुर चकदहा में हुए दोहरे निषाद हत्याकांड के पीड़ित परिजनों से निषाद पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष ने की मुलाक़ात

पीड़ित परिजनों को धमकी देने वाली कि तत्काल गिरफ़्तारी के लिए क्षेत्राधिकारी पुलिस को दिये आदेश

पीड़ित परिजनों के साथ डॉ संजय निषाद व निषाद पार्टी हमेशा खड़ी रहेगी

प्रदेश सरकार मा० मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में जीरो टॉलरेंस की नीतिपर काम कर रही है

आज दिनांक 04 अप्रैल 2025 दिन शुक्रवार को मा० राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं प्रदेश सरकार में मा कैबिनेट मंत्री डॉ संजय कुमार निषाद जी आज जनपद गोरखपुर पहुँचे, उन्होंने विगत दिनों ग्राम सभा शिवपुर चकदहा में दोहरे निषाद हत्याकांड प्रकरण में पीड़ित परिजनों से मुलाक़ात उसके गाँव पहुँचे। उन्होंने क्षेत्रीय विधायक व क्षेत्राधिकारी चौरी-चौरा से प्रकरण की जानकारी लेते हुए पीड़ित परिजनों से भी प्रकरण की जानकारी ली। मृतका के बेटे और बेटियों ने घटना और घटना के पश्चात मिलने वाली धमकियों को मा० मंत्री जी के समक्ष रखा। मा० मंत्री जी क्षेत्राधिकारी पुलिस को पीड़ित परिजनों की शिकायत पर आदेशित करते हुए कहा कि एक निश्चित समय अपने आला अधिकारियों से पूछकर एक दिन बताइए कि किस दिनतक सभी आरिपियों की गिरफ़्तारी सुनिश्चित कर ली जाएगी। मा० मुख्यमंत्री जी के गृह जनपद में दोहरा निषाद हत्याकांड हो जाता है और पुलिस द्वारा अभी तक सिर्फ़ मुख्य आरोपी को ही गिरफ़्तार किया गया है बाक़ी अन्य आरोपियों की गिरफ़्तारी पुलिस नहीं कर पायी है, ये किस प्रकार की कार्रवाई आप कर रहे हैं? उन्होंने क्षेत्राधिकारी को कहा कि पीड़ित परिजनों के रिश्तेदारों, ग्राम वासियों को धमकाया जा रहा है? ये उचित नहीं है, अगर समय रहते हुए तत्कालीन दरोग़ा व सिपाही ने पीड़ित व आरोपी का समझौता नहीं करवाया होता तो आज ये घटना नहीं घटती किंतु घटना घटित होने के पश्चात भी अगर हत्याआरोपी के परिजन पीड़ित के सहयोगी और परिजनों को धमकी दे रहे हैं इसको तत्काल प्रभाव से बंद करवाइए और धमकी देने वाली को तुरंत गिरफ़्तार करके जेल भेजा जाए।
उन्होंने पीड़ित परिजनों को आश्वस्त करते हुए कहा की निषाद पार्टी और डॉ संजय निषाद सपरिवार आपको परिजनों के साथ कदम से कदम मिलाकर खड़े हैं, मा० मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में प्रदेश सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है और किसी भी प्रकार के अपराध को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। मा० मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में उत्तरप्रदेश से माफिया/गुंडा/दहशत/अपराध मुक्त बना दिया गया है, आरोपी चाहे कितने भी रसूखदार क्यों ना हो, उसके उसके किए की सजा मिलकर रहेगी।
उन्होंने तहसीलदार चौरी-चौरा को आदेशित करते हुए कहा कि पीड़ित को मिलने वाली सभी शासकीय सहायता जल्द से जल्द उपलब्ध करवाई जाए। उन्होंने उपनिदेशक गोरखपुर मंडल (मत्स्य विभाग) को मत्स्य पालक कल्याण कोष व अन्य योजनाओं से पीड़ित परिजनों की हर संभव मदद करने के लिए आदेशित किया। उन्होंने निषाद पार्टी की ओर से पीड़ित परिजनों की आर्थिक सहायता करते हुए, भविष्य में किसी भी प्रकार की आवश्यकता पर मदद का भी आश्वस्त किया।
उन्होंने समाजवादी पार्टी सांसद पर जवाब देते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी सांसद अगर असल मायने में निषाद समाज से आते हैं तो वो एक बार अयोध्या में हुए निषाद समाज की बेटी के साथ समाजवादी पार्टी के नेताओं द्वारा किए गए अत्याचार, दुराचार और रेप पीड़िता से क्यों नहीं मिलने गये, जबकि उनकी लोकसभा के सबसे नज़दीक अयोध्या ज़िला पड़ता है। समाजवादी पार्टी के सांसद पहले ये तय करें कि उनका जो घड़ियाली निषाद प्रेम जो है वो बस चौरी-चौरा को देखकर उमड़ रहा है या प्रदेश में उनकी पार्टी के नेताओं द्वारा किए गए अन्य अत्याचार पर भी कुछ बोलने की ज़िम्मेदारी लेंगे। श्री निषाद जी ने कहा मैं तो हैरान हूँ की वो चौरी-चौरा में हुए दोहरे निषाद हत्याकांड में अपनी राजनीति रोटियाँ सेकने के लिए इस हद तक गिर गये कि वो कहते हैं मेरा बेटा वहाँ चुनाव लड़ना चाहता है। मेरा मानना है कि राजनीति में कोई भी कही से चुनाव लड़ सकता है, किंतु मौत पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। चौरी-चौरा के विधायक ने मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए अपराधियों को जेल में पहुँचाने का काम किया है और हम तो चाहते हैं समाजवादी पार्टी के सांसद और उनके बेटो की भी पुलिस को सीडीआर की जाँच करनी चाहिए क्योंकि जिन पर आरोप लगे हैं वो समाजवादी पार्टी के ही नेता थे। अपराधियों को छिपाने और उड़ा का हेलीकॉप्टर से ले जाना समाजवादी पार्टी का पुराना इतिहास रहा है
इस दौरान ई० प्रवीण निषाद, ई० सरवन निषाद, श्री दिनानाथ निषाद, श्री अमित निषाद, श्री बलदेव निषाद, श्री सुनील निषाद, श्री अनिकेत निषाद, श्री सूरज निषाद, श्री शैलेंद्र निषाद, श्री लालबचन निषाद, श्री नगीना निषाद, श्री रामदयाग़र निषाद आदि मौजूद रहे।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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