चिपको आंदोलन की शुरुआत की 51वीं वर्षगांठ

गुलजारबाग अवस्थित राजकीयकृत उर्दू मध्य विद्यालय नरकट घाट, पटना में चिपको आंदोलन की शुरुआत की 51वीं वर्षगांठ स्नातक विज्ञान शिक्षक सूर्य कान्त गुप्ता के द्वारा कार्यक्रम आयोजित कर मनाई गई। कार्यक्रम के पहले चरण में श्री गुप्ता ने स्कूली पाठ्यक्रम से चिपको आंदोलन को जोड़ते हुए, इसके इतिहास, गौरा देवी का योगदान, सुन्दर लाल बहुगुणा का संघर्ष एंव जंगल व पर्यावरण बचाने में इस आंदोलन के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि आज के ही दिन 1974 ई. में गौरा देवी ने चिपको आंदोलन की शुरुआत की थी। पेड़ को बचाने के लिए वे पेड़ से चिपक गई थी और बोली कि पेड़ को काटने के पहले मुझे काटना होगा। इस तरह वे पेड़-पौधों को बचाने में कामयाब हो गई। आगे चलकर सुंदरलाल बहुगुणा ने चिपको आंदोलन को जारी रखा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में पेड़-पौधों एवं जंगल को बचाने में चिपको आंदोलन का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। कार्यक्रम के दूसरे चरण में शिक्षकगण व छात्र-छात्राओं ने पेड़ से चिपक कर इसे बचाने की शपथ ली एवं लोगों से जीवनदायिनी पेड़ को नहीं काटने की अपील की। कार्यक्रम में सक्रिय रूप से आरफा परवीन, नदा परवीन, साजदा खातून, इंसा परवीन, मंतशा परवीन, जोया परवीन, गुलाम रसूल सहित अन्य छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रधानाध्यापक एस इब्तेशाम हुसैन काशिफ, रेशमा खातून और सर्फुद्दीन नूरी की भूमिका अति महत्वपूर्ण रही।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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