
कथित डीएमओ की जांच प्रचलित होने बाद सीएमओ का पुरस्कृत करने का चौंकाने
बाला प्लान…!
एटा। जिले के मलेरिया विभाग की मनमानी एवं नियम विरुद्ध कार्यों के कच्चे चिट्ठे पर जहां एक ओर राज्य मलेरिया विभाग लखनऊ से जांच प्रचलित कर दी है। वहीं एटा के सी एम ओ इस कथित मलेरिया अधिकारी लोकमन को अपने अधिकारिक प्रयोगों से संरक्षण दे रहे है। इस क्रम में मीडिया को ताजातरीन एक पत्र मिला है जिसमें मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने अपने हस्ताक्षरों से जारी किया है। पत्र में 28 मार्च को होने वाले एक शहर एक होटल में सम्मान समारोह का जिक्र है जिसमें प्रतिभागी सूची में 11 अधिकारी एवं कर्मचारी के नाम शामिल है उक्त पत्र में लोकमन को जिला मलेरिया अधिकारी के रूप में सम्मान/ पुरस्कार के लिए शामिल किया गया हैं। यहां यह बता दें उक्त कार्यक्रम मिशन निदेशक के निर्देश पर प्रधानमंत्री मातृ सुरक्षा योजना के तहत गर्भवती माताओं की प्रसव से पूर्व एवं बाद में ख्याल रखने और इस दिशा में काम करने वाले कर्मियों को दिया जाना है परंतु मुख्य चिकित्सा अधिकारी एटा
अंधा बांटे रेवड़ी अपने अपने को देय, की कहावत चरितार्थ कर रहे हैं। इस योजना के तहत एक शील्ड प्रशस्ति प्रमाण पत्र और दुपहर को का शानदार लंच शामिल है जो शहर के नामचीन होटल में दिया जाएगा। इसका मजेदार पहलू यह है सुरक्षित मातृत्व की दिशा में बेहतर काम करने बाली अर्बन यूनिट के अधिकारी कर्मचारियों को लेफ्ट कर कर दिया गया है। नोडल अफसर चिकित्सा अधिकारी एवं इस क्षेत्र में काम करने बाली महिला कर्मियों को दूर रखा है। जो पूरे विभाग में चर्चा का विषय बना है। एक और उल्लेखनीय पहलू यह है प्रधान मंत्री मातृ सुरक्षा कार्यक्रम में मलेरिया विभाग कोई खास रोल नहीं है इस दिशा में महिला ए एन एम आशा संगिनी और अन्य ग्रास रूट वर्कर आतें है।हैरत की बात तो यह है जिस कर्मचारी/कथित डीएमओ की प्रचलित जांच के परिप्रेक्ष्य में सारे कार्य स्टे कर देने चाहिए उसको मुख्य चिकित्सा अधिकारी विभागीय पत्रों में कहीं जिला सहायक मलेरिया अधिकारी तो कहीं जिला मलेरिया अधिकारी के रूप में प्रचारित कर रहे हैं। विभाग में प्रचलित अनेक पत्रावलियां इस तथ्य का जीवंत प्रमाण हैं। आखिर लोकमन किस मूल पद पर है ? जिला स्तरीय पद इन्हें किसने किस नियम के तहत दिया ? इस पर कोई जानकारी नहीं दी जा रही। अपर निदेशक चिकित्सा स्वास्थ एवं परिवार कल्याण अलीगढ़ जो जांच अधिकारी है उनसे मीडिया ने बात की तो उन्होंने बताया एटा में इस पद को लेकर बड़ी अनियमितता हुई है एक एक पहलू की जांच होगी अपर निदेशक डॉ राजेश कटियार ने कहा है तीन दिन के भीतर आख्या मांगी गई जो अभी तक अप्राप्त है। इस संबंध में दूसरा पत्र जारी किया गया है।
स्मरण रहे एटा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी के संरक्षण नियम विरुद्ध कार्य करने बालों का एक पूरा सिंडिकेट काम कर रहा अपने हित साधन के लिए इन सबसे नियम विरुद्ध काम ले रहे हैं पिछले दिनों वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी सुशील कुमार सिंह का प्रोन्नत समायोजन होने के बाद छ महीने तक कार्यमुक्त न करके रोके रखा जब मीडिया रिपोर्ट्स के माध्यम से निदेशक प्रशासन को यह बात पता चली तब निदेशक के कड़े निर्देशों के बाद एटा से रिलीव किया गया। ठीक उसी तर्ज पर कथित डीएमओ को संरक्षण दिया जा रहा है चौंकाने बाली बात तो यह है शासन ने एटा के जिला मलेरिया अधिकारी को एटा भेजा जिन्होंने योगदान कर वेतन भी लिया इस बीच वरिष्ठ मलेरिया अधिकारी लोकमन जिला मलेरिया अधिकारी के रूप में प्रकट हुए हैं। मामला बड़े कारनामे की ओर संकेत करता है। जानकार सूत्र कहते हैं यदि सही जांच हुई तो कथित डीएमओ के साथ मुख्य चिकित्सा अधिकारी एटा पर भी जांच की आंच आ सकती है ?