
एमपी : भोपाल बड़ी खबर
मध्यप्रदेश में पत्रकार लगातार अभद्रता एवं हमले का शिकार हो रहे है, और 22 वर्षो से भाजपा कि सरकार है, पत्रकार जितना भाजपा सरकार में फर्जी मुकदमे और हमले का शिकार हुए है शायद किसी अन्य सरकार के कार्यकाल में पत्रकार इतना आहत व प्रताड़ित नहीं हुआ होगा,
बात कर लेते है राजधानी भोपाल की, जहाँ प्रदेश क़ो कंट्रोल करने वाला सिस्टम बैठता है, अगर वही अन कंट्रोल हो जाए तो बांकी का क्या हाल होगा आप अच्छे तरीके से समझ सकते है,
ये प्रधानमंत्री / मुख्यमंत्री जो विधायक, सांसदों की सुरक्षा, उनका वेतन, यात्रा भत्ता सुख सुविधा बढ़ाने में माहिर है, लेकिन देश के पत्रकारो क़ो देने के लिए इनके पास कुछ नहीं है, चाहिए भी नहीं, कम से कम पत्रकार सुरक्षा कानून बना दो बस, अब ये भी इनके बस का नहीं, तो पत्रकारो के लिए सरकार करती क्या है…. ❓️
एमपी में पत्रकारो के ऊपर हो रहे अत्याचार व हमले…?
#भोपाल / में पत्रकार पर कल पुलिस ने फर्जी मामला दर्ज किया, वो भी एक्सीडेंट के झूठे केस में अड़ी बाजी का मामला बताकर,
भोपाल के कटारा हिल्स थाने में पत्रकार के खिलाफ झूठा मामला दर्ज किया गया,
जिसके बाद पत्रकार संगठन
थाने में धरना पर बैठ गए,
पत्रकारों के साथ भाजपा मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल भी मौजूद रहे, पत्रकारो ने मांग उठाई की टी आई क़ो सस्पेंड किया जाए, Ti के सस्पेंड होने तक थाने में पत्रकार बैठे रहे,
आपको बता दें कि पत्रकार कुलदीप सिंगोरिया के खिलाफ पुलिस ने झूठा मामला थाने में दर्ज किया है, जिस मामले से आहत पत्रकारो ने फिर पुलिस मुख्यालय भोपाल का घेराव किया, जिसके बाद नगर निरीक्षक को लाइन अटैच कर दिया गया है,
ये हाल है #पुलिस का #पत्रकारो के साथ..?