
लखनऊ की लचर कानून व्यवस्था को लेकर कमिश्नर को ऑफिस में बुला क़र ऐसा डांटा कि लखनऊ की गलियों में मुख्यमंत्री की डांट गूंजने लगी है.
ऐसा यूँही नहीं हो रहा है. लखनऊ के काकोरी में दो लोधी समाज के युवकों की हत्या को लेकर बीजेपी के विधायक एटा सदर विपिन कुमार वर्मा डेविड द्वारा जो संग्राम सड़क पर किया गया है वो सुर्खिया बन चूका है!
विगत दिनों से लखनऊ की सड़को पर आये दिन कुछ न कुछ घटित हो रहा है. जिसे लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ के कमिश्नर को बुला क़र साफ- साफ कह दिया अगर लखनऊ नहीं संभल रहा है तो जाकर आराम कीजिये, क्योंकि लखनऊ को सँभालने के लिए कई IPS इंतजार में है।
कल काकोरी की सड़क पर एटा सदर के विधायक विपिन कुमार वर्मा डेविड द्वारा अपनी ही सरकार के माताहीत अफसरों को जनता के सामने अफसर और आम जनता के जीवन की क़ीमत बता क़र बीजेपी विधायक विपिन कुमार वर्मा ने सरकार के अफसरों के साथ प्रदेश की क़ानून व्यवस्था पर भी ऊँगली उठा दी है।
ज़ब से बीजेपी विधायक विपिन कुमार वर्मा ने काकोरी के लोधी युवको की हत्या की आवाज उठाई है तब से सोशल मिडिया सहित देश की राजनीती में एक नया सवाल उठ क़र सरकार से पूछ रहा है कि मुख्यमंत्री किस कानून व्यवस्था की बात छाती पर हाथ रख क़रतें है जबकि उत्तर प्रदेश सरेआम हत्याओं का प्रदेश बनता जा रहा है।
फिलहाल पुलिस ने दोनों हत्यारो को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. जिसमे सिपाही व उसकी पत्नी आरोपी है साथ देने वाले आज भी फरार है.
सवाल यह भी पुलिस
लेकिन पुलिस इस पुरे प्रकरण में सहयोग करती दिखाई दे रही है। क्योंकि पुलिस विभाग का सिपाही है तो इतना तो बनता है… जबकि छोटे से अपराधी को हाफ एनकाउंटर क़र जेल भेजा जाता है… सिपाही को गोली मार जेल शायद पुलिस ने इस लिए नहीं भेजा होगा कि शायद मुकदमा से सिपाही छूटा तो कैसे नौकरी करेगा क्यों कि गोली लगे आदमी को कौन नौकरी देता है…..!!
लखनऊ Cp सूचना तंत्र मज़बूत कीजिए, मुखबिरों को एक्टिव कीजिए, क्योंकि जनता के जीवन की सुरक्षा के लिए वेतन पा रहें है. मौज के लिए नौकरी नहीं है।किंतु परन्तु में सब निपट जाये…..