महिला आयोग की सदस्या ने महिला जनसुनवाई में सुनी पीड़ित महिलाओं की समस्यायें

प्रयागराज। सदस्या, उ.प्र. राज्य महिला आयोग श्रीमती गीता विश्वकर्मा के द्वारा बुधवार को सर्किट हाऊस में जनसुनवाई की गयी। जनसुनवाई में घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीड़न, अवैध कब्जे से सम्बंधित शिकायतों सहित अन्य कई शिकायतें सुनवाई के लिए आयी। उन्होंने कहा कि महिला आयोग का गठन पीड़ित महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए ही हुआ है। यदि किसी महिला को न्याय मिलने में कोई परेशानी आ रही है तो वे अपनी समस्या को लेकर महिला जनसुनवाई में जरूर आये। जनसुनवाई में पीड़ित महिलाओं की पूरी सहायता की जायेगी। महिला जनसुनवाई में कुल 11 प्रकरण सुनवाई के लिए आये।
जनसुनवाई में प्रार्थिनी सुषमा केसरी पत्नी शिव प्रताप केसरी निवासी ग्राम हरभानपुर थाना व तहसील फूलपुर के द्वारा ससुराल के परिवार के पट्टीदार के द्वारा फर्जी मुकदमा लिखाकर उत्पीड़न किए जाने की शिकायत की, जिसपर माननीय सदस्य महोदया ने सम्बंधित एसीपी एवं नोडल आफिसर वुमेन क्राइम को प्रकरण की जांच कर आवश्यक कार्यवाही किए जाने के लिए कहा है। प्रार्थिनी श्रीमती मुन्नी देवी पत्नी त्रिलोकी लाल शुक्ल निवासी ग्राम गोसेसीपुर थाना फूलपुर एवं प्रभावती देवी पत्नी राम अभिलाष गौड़ ने दबंगो द्वारा जेसीबी के माध्यम से उनकी बाउंड्रीवाल, सीमेण्टसेट व सरकारी शौचालय को गिराकर भूमि पर अवैध कब्जा किए जाने तथा उसपर शिकायत किए जाने पर भी कोई कार्यवाही न होने की शिकायत की, जिसपर सदस्या ने नोडल आफिसर वुमेन क्राइम को प्रकरण की जांच कर आवश्यक कार्यवाही करने के लिए निर्देशित किया है।
सदस्या ने सभी सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित किया कि कोई महिला अगर शिकायत लेकर थाने में जाती है, तो पूरी गम्भीरता/संवेदना के साथ महिलाओं की शिकायतों को सुनते हुए आवश्यक कार्यवाही करते हुए शिकायतकर्ता को संतुष्ट किया जाये। उन्होंने कहा कि इसमें किसी प्रकार की शिथिलता, लापरवाही न बरती जाये। उन्होंने कहा कि महिला जन सुनवाई में आने वाले शिकायती प्रकरणों के निस्तारण की मानिटरिंग सुनवाई के बाद नियमित रूप से आयोग के स्तर पर की जाती है इसलिए प्रकरणों को बेवजह लम्बित करने तथा पीड़ित महिलाओ को न्याय दिलाने में किसी प्रकार की शिथिलता न बरती जाये। इस अवसर पर जिला प्रोबेशन अधिकारी सर्वजीत सिंह सहित अन्य सम्बंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
राम आसरे