दम्पतियों को समझाया गया कि आपसी मतभेद भुलाकर अपने बहुमूल्य जीवन का हसी-खुशी निर्वहन करें

एटा राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के दिशा-निर्देश के अनुपालन एवं माननीय जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, एटा के आदेशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, एटा में स्थापित मध्यस्थता केन्द्र में दिनांक 19 मार्च 2025 को परिवार परामर्श केन्द्र, एटा द्वारा प्रेषित पारिवारिक पत्रावली वाद संख्या-457/2024, प्रियंका यादव पुत्री जांदों यादव, निवासी-ग्राम जेडा, थाना-एका, जिला फिरोजाबाद बनाम् नीरेश यादव पुत्र महेश चन्द्र, निवासी-ग्राम नगला बनुआ, थाना-मिरहची, जिला-एटा में मध्यस्थता हेतु प्रस्तुत की गयी, जिसमें विवाद का कारण सिर्फ छोटी-छोटी बातें व मनमुटाव तथा प्रतिवादी के साथ तैनाती स्थल पर रहने का बताया गया। मध्यस्थ कन्हीलाल शर्मा एवं कमालुद्दीन, अपर जिला जज/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, एटा के द्वारा दोनों पक्षकारों को एक साथ बैठाकर समझाया गया, जिसके परिणाम स्वरूप दोनों पक्षकारों ने अपने भविष्य व परिवार की चिन्ता करते हुए साथ रहने की सहमति व्यक्त की और आजीवन साथ रहने को तैयार हुए। अपर जिला जज/सचिव महोदय द्वारा भी दोनों दम्पतियों को समझाया गया कि आपसी मतभेद भुलाकर अपने बहुमूल्य जीवन का हसी-खुशी निर्वहन करें तथा यह भी बताया कि आपने अपने आपसी मतभेद को भुलाकर समझौता कर मानव समाज को एक महत्वपूर्ण संदेश भी दिया है।
इसी के साथ दम्पत्ति जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, एटा से ही परिवारियों के साथ ससम्मान विदा होने की अनुमति ली तथा भविष्य में इस प्रकार की कोई भूल दोबारा न हो इसका भी प्रण लिया।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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