अखिलेश यादव और उनके जीवन में हस्तक्षेप रखने वाले ऊंची जाति के लोग

जनेश्वर मिश्र – छोटे लोहिया के नाम से प्रसिद्ध जनेश्वर मिश्र , समाजवादी पार्टी के संस्थापकों में रहे । अखिलेश यादव के पिता पूर्व मुख्यमंत्री श्री मुलायम सिंह , जनेश्वर मिश्र को पितृ तुल्य आदर देते और छोटे लोहिया कहकर संबोधित करते थे।

साधना गुप्ता – पूर्व मुख्यमंत्री श्री मुलायम सिंह यादव की जीवन संगिनी और अखिलेश यादव की दूसरी मां ।

अमर सिंह – ठा० अमर सिंह समाजवादी पार्टी और विशेषकर सैफई परिवार की जड़ों तक जुड़े रहे और समय समय पर संकटमोचक की भूमिका निभाते रहे। अधिकतर समय ठा० अमर सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री श्री मुलायम सिंह यादव साथ साथ ही देखे जाते थे। पार्टी के लिए फंडिग जुटाते रहे । बसपा सरकार में हुए राजा भैया और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के विवाद के बाद क्षत्रिय विधायकों को एकजुट कर , मुलायम सिंह यादव को मुख्यमंत्री बनवाने में सबसे आगे रहे । अखिलेश यादव के निजी जीवन में , अखिलेश यादव का विवाह कराने में इनका प्रमुख योगदान रहा।

डिंपल यादव – अखिलेश यादव का हरदम साथ देने वाली , उनकी जीवन संगिनी डिंपल यादव भी ऊंची जाति से ही आती हैं।

माता प्रसाद पाण्डेय – समाजवादी पार्टी के पुराने वरिष्ठ नेता हैं , पूर्व मुख्यमंत्री श्री मुलायम सिंह यादव के भी नजदीकी रहे और बड़े सम्मानित पदों पर रहे। अखिलेश यादव के विधानसभा में न होने पर माता प्रसाद पाण्डेय ही नेता प्रतिपक्ष हैं। विपक्ष में नेता प्रतिपक्ष की क्या हैसियत होती है , सब जानते हैं।

अभिषेक मिश्र – समाजवादी पार्टी की सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे , अखिलेश यादव के निजी मित्रों में गिने जाते हैं।

अनुराग भदौरिया – समाजवादी पार्टी के पूर्व विधान परिषद सदस्य और वर्तमान में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता के रूप में टीवी पर देखे जाते हैं। अखिलेश यादव के नजदीकी मित्रो में गिने जाते हैं।

उदयवीर सिंह धाकरे – समाजवादी पार्टी के पूर्व विधान परिषद सदस्य और अखिलेश यादव के करीबी मित्रों में शुमार

इनके अलावा भी – इनके अलावा दर्जनों ऐसे ऊंची जाति के लोग अखिलेश यादव से जुड़े हुए हैं जिनके नाम यहां नहीं लिखे जा सकते , ना उनको अखिलेश यादव छोड़ सकते ।

बड़ा सवाल – क्या ऊंची जातियों के लोगों से सम्बन्ध तोड़ लेंगे अखिलेश ?

सीधा उत्तर – बिल्कुल नहीं , अखिलेश यादव का ये बयान दूसरे कारणों से आया है, जो नीचे लिखे हैं।

हाथी के दांत खाने के कुछ और होते हैं , दिखाने के कुछ और

निष्कर्ष – ऊंची जातियों के प्रति जिस तरह की बात अखिलेश यादव ने कही है , ऐसी हल्की बात कभी पूर्व मुख्यमंत्री श्री मुलायम सिंह ने नहीं कही। शांत वातावरण में बिना किसी घटना के अकारण ही अखिलेश यादव का यह बयान सीधे उनकी राजनैतिक समझ और भविष्य की राजनैतिक दिशा दोनों को प्रदर्शित कर रहा है।

नए राजनैतिक प्रयोग की तैयारी
समाजवादी पार्टी PDA फॉर्मूला (पिछड़ा दलित अल्पसंख्यक) को और धार देने के लिए , यह बयान हो सकता है।

इसका दूसरा पक्ष यह भी हो सकता है कि यह नए वोट बैंक विशेषकर अति पिछड़े व दलित वोट बैंक जो अभी तक मायावती जी , चंद्रशेखर रावण , ओम प्रकाश राजभर और संजय निषाद के पास है , उसे अपनी ओर खींचेने की तैयारी का छोटा सा प्रयोग , जिसका परिणाम इस परिपाटी का भविष्य तैयार करेगा ।

वोट बैंक को साधने की जुगत में क्या क्या नहीं करना पड़ता।

(नोट – यह लेख लेखक ने वर्तमान राजनैतिक परिवेश , अपने राजनैतिक ज्ञान , स्मृति घटनाओं के आधार पर लिखा है । कुछ झूठ लिखा तो प्रमाण सहित अवश्य बताएं , जिससे आगे सुधार हो सके)

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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