आदिवासी मजदूरों के नाम पर वन विभाग की भूमि पर भूमि माफिया कर रहे कब्जा
उत्तर प्रदेश मंडल क्षेत्र के बिश्रमगंज रेंज में वन भूमि की जमीन पर हो रहा है अवैध कब्जा

पन्ना जिले का हरा भरा जंगल कुछ ही समय पश्चात खेतों में तब्दील हो जाएगा यदि समय रहते वन विभाग द्वारा वन भूमि से अवैध कब्जा को नहीं हटाया गया तो इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।उत्तर वन मंडल क्षेत्र के बिश्रमगंज रेंज के जनकपुर ग्राम से लेकर रानीपुर ग्राम तक बड़े पैमाने पर भू माफियाओं द्वारा अपने आदिवासी समाज के मजदूरों के नाम पर जमीनों में अवैधानिक रूप से कब्जा करना शुरू कर दिया है। जंगल की भूमि के हरे भरे पेड़ काटकर बारी लगा दी गई है। जोकि आगे चलकर इस भूमि में भू माफिया निजी खेती करके जंगल को जहां उजाड़ने का काम करेंगे। वही आदिवासी मजदूरों के नाम पर भारी-भरकम राशि कमाएंगे । जनकपुर के स्थानीय लोगों ने जानकारी देते हुए बताया कि भू माफियाओं द्वारा आदिवासी समाज के कुछ लोगों को आगे करके उक्त जमीन पर अवैध कब्जा करना शुरू कर दिया गया है । जो कि आगे चलकर वन विभाग के लिए घातक हो सकता है । इसके साथ ही वन प्रेमी लोगों के लिए हानिकारक होगा। बताया जाता है कि वन भूमि पर लगातार अवैधानिक कब्जा हो रहा है मगर उक्त जमीन से कब्जा हटाने को लेकर वन विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। जिसकी वजह से भू माफियाओं का मनोबल दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है। स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि बिश्रमगंज परीक्षेत्र में हो रहे अवैधानिक रूप से कब्जे को जंगल की भूमि से शीघ्र हटाया जाये। ताकि जंगल की भूमि को बर्बाद ना किया जा सके।
पन्ना जिले में आदिवासियों की जमीन पर दबंगों का कब्जा
पन्ना जिले में कल्दा पठार से लेकर पन्ना जिले के चारों तरफ आदिवासी समाज के नाम पर भले ही पट्टे दर्ज हो मगर उनकी जमीनों पर बड़े पैमाने पर दबंग लोगों द्वारा कब्जा कर रखा गया है। जिसको लेकर जिले के जनप्रतिनिधियों द्वारा और जिले के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा कभी भी ध्यान नहीं दिया गया है ।बताया जाता है कि आदिवासी समाज के लोगों को शराब एवं अन्य नसों की लत में डूबा कर आदिवासी गरीबों से स्टांप पेपर पर अंगूठा कराकर उनकी जमीनों को गिरवी नामा दबंगों द्वारा रख ली गई हैं और गरीब मजदूरों की जमीनों पर वर्षों से दबंग लोगों द्वारा खेती की जा रही है। जिसकी पड़ताल कभी भी जिले के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा नहीं की गयी है। जिसकी वजह से आज गरीब मजदूरों की जमीनों पर दबंग लोग खेती तथा पत्थर खदानों का संचालन बड़े पैमाने पर कर रहे हैं। जिले के जिम्मेदार अधिकारियों से एवं प्रदेश के गरीब मजदूरों के चहेते कहे जाने वाले मुख्यमंत्री महोदय से आग्रह है कि पन्ना जिला सहित प्रदेश के अन्य जिलों में निवासरत आदिवासी समाज की जमीनों की समय-समय पर जांच पड़ताल की जाए कि जो जमीन के पट्टे गरीब आदिवासियों को भरण-पोषण के लिए दिए गए हैं , उन पर उनके द्वारा ही खेती की जा रही है या फिर उनकी जमीनों पर दबंग लोगों द्वारा खेती एवं खदानों का संचालन कर भारी भरकम कमाई की जा रही है । इसमें आदिवासी समाज के पढ़े-लिखे राजनेताओं से भी अपेक्षा है कि वह भी आगे आकर इसको जन आंदोलन के रूप में लें और अपने गरीब आदिवासियों को न्याय दिलाएं।