पत्रकार सुरक्षा कानून के लिए उठाए आवाज

भारतीय मीडिया फाउंडेशन की ओर से देश के समस्त मीडिया एवं पत्रकार संगठनों के लोगों से की गई अपील पत्रकार सुरक्षा कानून के लिए उठाए आवाज

नई दिल्ली।
भारतीय मीडिया फाउंडेशन के संस्थापक एके बिंदुसार ने पत्रकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता सुरक्षा कानून बनाने की जोरदार आवाज उठाई है।
उन्होंने कहा कि पत्रकार सुरक्षा कानून और सामाजिक कार्यकर्ता सुरक्षा कानून लागू होने से लोकतंत्र की रक्षा और राजनीति में पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा, इसमें कोई संदेह नहीं है।
हालांकि, इन कानूनों को प्रभावी बनाने के लिए मीडिया और पत्रकार संगठनों की भूमिका को महत्व देना अत्यंत आवश्यक है।

लोकतंत्र की रक्षा में सहायक:
स्वतंत्र और निर्भीक पत्रकारिता: यह कानून पत्रकारों को बिना किसी डर के भ्रष्टाचार, गलत कामों और सत्ता के दुरुपयोग के खिलाफ आवाज उठाने की शक्ति देगा। जिससे जनता तक सही और सटीक खबरें पहुंचेंगी और लोकतंत्र मजबूत होगा।
सामाजिक कार्यकर्ताओं की सुरक्षा: सामाजिक कार्यकर्ता अक्सर हाशिए पर रहने वाले लोगों के लिए काम करते हैं और उन्हें शक्तिशाली लोगों के खिलाफ खड़ा होना पड़ता है। यह कानून उन्हें सुरक्षा प्रदान करेगा ताकि वे बिना किसी डर के अपना काम कर सकें और समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकें।
राजनीति में पारदर्शिता:
भ्रष्टाचार पर लगाम: जब पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को सुरक्षा मिलेगी, तो वे सरकारी कामकाज और नीतियों की अधिक प्रभावी ढंग से निगरानी कर पाएंगे। इससे भ्रष्टाचार और गलत कामों पर लगाम लगेगी।
जनता की भागीदारी: यह कानून जनता को भी प्रोत्साहित करेगा कि वह राजनीतिक मुद्दों पर अपनी राय रखें और सरकार से सवाल करें। इससे राजनीति में पारदर्शिता बढ़ेगी और जनता की भागीदारी सुनिश्चित होगी।

मीडिया और पत्रकार संगठनों की भूमिका:
पत्रकारों के मापदंड तय करना: मीडिया और पत्रकार संगठनों को मिलकर पत्रकारों के लिए आचार संहिता और मापदंड बनाने चाहिए। इससे यह सुनिश्चित हो सकेगा कि पत्रकारिता की स्वतंत्रता का दुरुपयोग न हो और गलत खबरें या अफवाहें न फैलाई जाएं।
कानून के दुरुपयोग को रोकना: मीडिया और पत्रकार संगठनों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि पत्रकार सुरक्षा कानून का दुरुपयोग न हो। उन्हें ऐसे पत्रकारों के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए जो इस कानून का इस्तेमाल अपने निजी फायदे के लिए या किसी गलत काम को छुपाने के लिए करते हैं।
जागरूकता बढ़ाना: मीडिया और पत्रकार संगठनों को जनता के बीच पत्रकार सुरक्षा कानून और सामाजिक कार्यकर्ता सुरक्षा कानून के बारे में जागरूकता बढ़ानी चाहिए। इससे लोगों को पता चलेगा कि इन कानूनों का क्या महत्व है और वे इनका इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं।
प्रशिक्षण और सहायता: मीडिया और पत्रकार संगठनों को पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को उनके अधिकारों और सुरक्षा के बारे में प्रशिक्षण देना चाहिए। उन्हें कानूनी और अन्य सहायता भी प्रदान करनी चाहिए ताकि वे बिना किसी डर के अपना काम कर सकें।
भारतीय मीडिया फाउंडेशन के संस्थापक एवं इंटरनेशनल मीडिया आर्मी के संयोजक एके बिंदुसार ने कहा कि पत्रकार सुरक्षा कानून और सामाजिक कार्यकर्ता सुरक्षा कानून को प्रभावी बनाने के लिए मीडिया और पत्रकार संगठनों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। इन संगठनों को यह सुनिश्चित करना होगा कि कानून का सही इस्तेमाल हो और किसी भी तरह से इसका दुरुपयोग न हो।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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