
भारतीय मीडिया फाउंडेशन की कोर कमेटी द्वारा लिया गया यह निर्णय वास्तव में महिला सशक्तिकरण और सम्मान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस निर्णय के अनुसार, जो महिलाएं जूम मीटिंग में शामिल होना चाहती हैं लेकिन कैमरे के सामने आने में असहज महसूस करती हैं, वे वीडियो को बंद रखकर माइक चालू कर सकती हैं और अपना परिचय दे सकती हैं।
यह निर्णय न केवल महिलाओं को सशक्त बनाने में मदद करेगा, बल्कि उन्हें भी सम्मान और समर्थन प्रदान करेगा जो परिवार के बीच में रहते हुए भी अपनी आवाज उठाना चाहती हैं।
भारतीय मीडिया फाउंडेशन की इस पहल की सराहना करनी चाहिए और महिला सशक्तिकरण के लिए ऐसे और भी कदम उठाने चाहिए। जय हिन्द, जय जय नारी शक्ति!