4 साल पहले मर चुके बच्चे की आत्मा लेने अस्पताल आ पहुंचे 24 लोग

4 साल पहले मर चुके बच्चे की आत्मा लेने अस्पताल आ पहुंचे 24 लोग, किया ये अजब-गजब दावा राजस्थान के कोटा शहर से मंगलवार को अंधविश्वास का ऐसा मामला सामने आया है, जिसे जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे. यहां एमबीएस अस्पताल में 4 साल पहले इलाज के दौरान जिस बच्चे की मौत हो गई थी, आज सुबह उसकी आत्मा लेने के लिए परिजन बूंदी से आ पहुंचे.हालांकि, अस्पताल में मौजूद पुलिसकर्मियों ने उन्हें अंदर जाने की इजाजत नहीं दी. मृतक बच्चे का नाम मनराज बताया जा रहा है.

अस्पताल में जब परिजनों को अंदर घुसने नहीं दिया जा रहा था तो उन्होंने हंगामा भी किया. पुलिस ने 3 लोगों को गिरफ्तार भी किया और जेल भेज दिया. जानकारी के अनुसार, बूंदी जिले के डापटा पंचायत के झाडगंज निवासी मनराज पुत्र रामफूल केवट की 4 वर्ष पूर्व एमबीएस अस्पताल में मौत हो गई थी. उसकी आत्मा को लेने के लिए मंगलवार सुबह 8 बजे 24 से भी ज्यादा लोग पहुंचे. इनमें कई सारी महिलाएं भी शामिल थीं.

एमबीएस अस्पताल के गेट पर पूजा करने के बाद एक महिला अजीबो-गरीब हरकत करने लगी. तब उसके साथ आए लोगों ने कहा कि महिला के शरीर में देवी-देवता प्रवेश कर गए हैं. उन्होंने दावा किया कि बच्चे की आत्मा इसी अस्पताल में है. वो तंत्र साधना कर उसे लेकर चले जाएंगे. इसके बाद सभी लोग एमबीएस अस्पताल में भीतर प्रवेश करने लगे. लेकिन अस्पताल के सुरक्षा कर्मियों व पुलिस चौकी के जवान ने उन्हें रोक दिया. लेकिन कुछ लोग जबरन अंदर घुसने की कोशिश करने लगे. उन्होंने जमकर हंगामा भी किया. पुलिस ने 3 लोगों को गिरफ्तार किया.

पहले भी आ चुके हैं ऐसे कई केस सामने

इस अस्पताल में ये कोई पहला ऐसा मामला नहीं है. यहां आये दिन ऐसी घटनाएं होती हैं. दो साल पहले भी कुछ लोग सालों पहले मृत बच्चे की आत्मा लेने पहुंच गए थे. बच्चे का जन्म इसी अस्पताल में हुआ था. लेकिन बीमारी के कारण उसकी मौत हो गई थी. तब बच्चे को अस्पताल के पास ही दफना दिया गया था. लेकिन 15 साल बाद परिजन अस्पताल पहुंच गए. कहने लगे कि हम बच्चे की आत्मा लेने आए हैं.

दो साल पहले भी एक ऐसा ही मामला दोबारा सामने आया था. यहां एक परिवार मर चुके बच्चे की आत्माा लेने के लिए एमबीएस अस्पताल पहुंच गया. परिवार ने अस्पताल परिसर में विशेष पूजा अर्चना की और फिर दावा किया अब वे अपने साथ बेटे की आत्मा लेकर जा रहे हैं. उनके बच्चे की चार साल पहले मौत हुई थी.

About The Author

निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

Learn More →

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

× अब ई पेपर यहाँ भी उपलब्ध है
अपडेट खबर के लिए इनेबल करें OK No thanks