ट्रायथलॉन एथलीट मिच हचक्राफ्ट ने संरक्षण केंद्र में जाना हाथियों का हाल !

बाधाओं को पार कर रिकॉर्ड तोड़ने वाले ट्रायथलॉन एथलीट मिच हचक्राफ्ट ने संरक्षण केंद्र में जाना हाथियों का हाल !

आगरा।इंग्लैंड से माउंट एवरेस्ट के शिखर तक अपने असाधारण 12,000 किलोमीटर के ट्रायथलॉन के हिस्से के रूप में, पूर्व रॉयल मरीन, एथलीट मिच हचक्राफ्ट ने मथुरा में वाइल्डलाइफ एसओएस के हाथी देखभाल और संरक्षण केंद्र (ईसीसीसी) का दौरा किया। अपनी यात्रा के दौरान, मिच को हाथियों द्वारा उनके अतीत में सहन की गई क्रूरता और वर्तमान में वाइल्डलाइफ एसओएस द्वारा प्रदान किए गए व्यापक पुनर्वास और देखभाल प्रयासों के बारे में पता चला।

मिच हचक्राफ्ट इस समय विश्व रिकॉर्ड बनाने के अभियान पर हैं, जिसका प्रयास पहले कभी नहीं किया गया। उनके मिशन का उद्देश्य “वॉरियर्स ऑफ होप” कार्यक्रम के लिए धन जुटाना है, जो जूलॉजिकल सोसाइटी ऑफ लंदन (जेड.एस.एल) के साथ साझेदारी में मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं वाले दिग्गज सिपाहियों को पशु-सहायता चिकित्सा प्रदान करता है। इसके अतिरिक्त, कार्यक्रम लुप्तप्राय प्रजातियों की रक्षा के लिए अपने सैन्य कौशल का पुन: उपयोग करते हुए, वन्यजीव अपराध की रोकथाम में अनुभवी लोगों को प्रशिक्षित करता है। मिच की ट्रायथलॉन डोवर के तट पर शुरू हुई और माउंट एवरेस्ट पर समाप्त होगी। यात्रा में चार चरण शामिल हैं: साइकिल चलाना, तैराकी, ट्रैकिंग और चढ़ाई।

अपनी यात्रा के दौरान, मिच ने वाइल्डलाइफ एसओएस के संरक्षण प्रयासों के बारे में जाना और मथुरा में हाथी संरक्षण एवं देखभाल केंद्र का दौरा किया। वहां, उन्होंने हाथियों के संरक्षण, पुनर्वास और देखभाल में संस्था के काम के बारे में जानकारी प्राप्त की। मिच ने कैसे हाथियों को प्रताड़ित किया जाता है इसके ऊपर डाक्यूमेंट्री फिल्म के साथ ईसीसीसी में हाथियों के भोजन, देखभाल और उपचार को देखा, और अपनी यात्रा जारी रखते हुए इस हृदयस्पर्शी अनुभव को अपने साथ ले गए।

मिच ने वाइल्डलाइफ एसओएस के ‘रीफ्युज़ टू राइड’ अभियान को सक्रिय रूप से बढ़ावा दिया, लोगों को हाथियों की सवारी करने या उन्हें खाना खिलाने सहित उनके साथ संपर्क से बचने की सलाह दी। उन्होंने जनता को दूर से ही इन शानदार प्राणियों का सम्मान करने और उनकी सराहना करने के लिए प्रोत्साहित किया।

मिच हचक्राफ्ट ने कहा, “मैं इस अविश्वसनीय अनुभव के लिए वाइल्डलाइफ एसओएस को धन्यवाद देता हूं। हाथियों के अतीत के बारे में जानने और उनकी देखभाल को देखने से मुझ पर गहरा प्रभाव पड़ा है। मैं सभी से ‘रीफ्युज़ टू राइड’ अभियान का समर्थन करने का आग्रह करता हूं। मैं वापस लौट कर वाइल्डलाइफ एसओएस के साथ संरक्षण का संदेश फैलाने में मदद करने का वादा करता हूं।”

वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ, कार्तिक सत्यनारायण ने कहा, “मिच का मिशन वास्तव में प्रेरणादायक है, और हम उनकी यात्रा में पूरे दिल से उनका समर्थन करते हैं। हमें उम्मीद है कि वह संरक्षण, जागरूकता बढ़ाने और सकारात्मकता को बढ़ावा देने का संदेश फैलाते रहेंगे।”

वाइल्डलाइफ एसओएस की सह-संस्थापक और सचिव गीता शेषमणि ने कहा, “मिच की यात्रा हाथियों की दुर्दशा के बारे में जागरूकता बढ़ाने और हमारे संरक्षण प्रयासों के महत्व को रेखांकित करती है। हम इस उद्देश्य के प्रति उनके समर्थन और प्रतिबद्धता के लिए आभारी हैं।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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