महाकुम्भ के साथ ही भारत की प्राचीन संस्कृति को प्रदर्शित कर रहा एनसीजेडसीसी पवेलियनः सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सेक्टर 7 स्थित उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र पवेलियन का भी किया दौरा

विभिन्न राज्यों के कलाकारों की देखीं प्रस्तुतियां, अनुभूति केंद्र में कुम्भ यात्रा के ऑडियो-वीडियो प्रदर्शन को भी सराहा

सीएम योगी बोले- यहां आने वाले हर श्रद्धालु के लिए अविस्मरणीय बनेगा महाकुम्भ

प्रयागराज। महाकुम्भनगर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रयागराज में समीक्षा बैठक संपन्न होने के बाद सेक्टर 7 स्थित उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र पवेलियन भी पहुंचे। यहां उन्होंने विभिन्न राज्यों के कलाकारों की प्रस्तुतियों को देखा। वो अनुभूति केंद्र भी देखने गए, जहां कुम्भ यात्रा को ऑडियो-वीडियो माध्यम से प्रदर्शित किया गया है। इस अवसर पर सीएम योगी ने कहा कि उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र हर श्रद्धालु के लिए अविस्मरणीय अनुभव प्रदान करने वाला है। उन्होंने कहा कि महाकुम्भ हजारों-हजार वर्ष का इतिहास समेटे हुए है। भारत की दिव्यता, भव्यता, एकता और विविधता से भरे हुए महाकुम्भ में 45 करोड़ लोग साक्षी बनने वाले हैं। 8 करोड़ से ज्यादा लोग अब तक त्रिवेणी संगम में पावन डुबकी लगा चुके हैं। किसी भी श्रद्धालु को जो महाकुम्भ और कुम्भ के विषय में जानना चाहता हो, उसे समझना चाहता हो, उसे यहां जरूर आकर देखना चाहिए। यहां उनका न सिर्फ कुम्भ और महाकुम्भ से, बल्कि भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहचान से साक्षात्कार होगा। यह केंद्र दुनिया को प्राचीन भारत की समृद्ध विरासत के दर्शन कराएगा।

गंगावतरण और समुद्र मंथन की कथाएं कर रहीं आकर्षित

उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र पवेलियन में श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित करने वाली अनेक विशेषताएं हैं। यहां गंगावतरण और समुद्र मंथन की कथाओं का मंचन किया गया है। वहीं, 635 फीट चौड़ा और 54 फीट ऊंचा प्रवेश द्वार पांडाल की शोभा बढ़ा रहा है। इसी तरह, यहां स्थानीय और क्षेत्रीय कलाओं का भी प्रदर्शन किया गया है। यही नहीं, 7 क्षेत्रों में शिल्प और हस्तनिर्मित उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगाई गई है तो मां दुर्गा और गणपति के पट्टचित्र का भी प्रस्तुतीकरण आकर्षक है। इसके अलावा, विशेष खगोल रात्रि का भी प्रदर्शन किया जा रहा है, जो अंतरिक्ष के रहस्यों से पर्दा उठाता है। वहीं, 14,632 कलाकारों द्वारा पूरे आयोजन के दौरान सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी जा रही हैं। क्षेत्रीय उत्पादों की बिक्री और प्रदर्शन के साथ ही शास्त्रीय और लोक कलाकारों का प्रदर्शन और पारंपरिक शिल्पकला और कारीगरी को दर्शाने वाले स्टाल्स लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने वाले हैं।
राम आसरे

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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