भारत नेपाल सीमा पर स्थित लखीमपुर खीरी उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा जिला है इसकी प्रशासनिक राजधानी लखीमपुर शहर है।
लखीमपुर खीरी लखनऊ मंडल का एक हिस्सा है कुल क्षेत्रफल 7.680 वर्ग किलोमीटर है (2. 970 वर्ग मील)
भारत सरकार ने 2001 की जनगणना में आंकड़ों के आधार पर लखीमपुर खीरी अल्पसंख्यक बाहुल्य जिले के रूप में नामित कियागया है, जो इसे जीवन स्तर और सुविधाओं में सुधार करने के लिए जरूरी सहायता की आवश्यकता के रूप में पहचान करता है। शहरी विकास मंत्रालय द्वारा प्रकाशित 2010 सर्वेक्षण में लखीमपुर को स्वच्छता के मामले में दूसरा सबसे कम रैंकिंग वाला शहर बनाया है।
दुधवा राष्ट्रीय उद्यान, लखीमपुर खीरी में है और यह उत्तर प्रदेश का एकमात्र राष्ट्रीय उद्यान है। इसमें बाघ ,तेंदूए ,हाथी गैन्डा ,दलदल हिरण, भालू ,विशाल काय अजगर ,बारासिंघा, हैपीड खरगोश, बंगाली फूलों सहित दुर्लभ और लुप्तप्राय प्रजातियों का घर है।
जानते हैं शब्द – साधन के बारे में
लखीमपुर को पूर्व में लक्ष्मीपुर के नाम से जाना जाता था।
खीरी लखीमपुर शहर से (1.2 मिल) एक कस्बा है इसका नाम शाहिद खुर्द के अवशेषों पर निर्मित कब्र से लिया गया है जो 1553 में मृत्यु हो गया था। पूर्ण आजादी के तहत कब्र को 1856 के अधिनियम 18 के तहत प्रकाशित किया गया था, इसके बारे में 800 की आए थी अन्य सिद्धांत बताता है कि नाम से प्राप्त होता है खैर पेड़ जो एक बार क्षेत्र में बड़े इलाके को कबर करते थे।
आईए जानते हैं दुधवा राष्ट्रीय उद्यान के बारे में
इस पार्क का नाम दुधवा नेशनल पार्क कैसे और क्यों पड़ा और इसके पीछे का इतिहास ओएल के राजा लोने सिंह जो देश को आजाद करने के लिए अंग्रेजों से युद्ध किया और अंग्रेजों के सामने उन्होंने घुटने नहीं टेके जिनको अंग्रेजों ने फांसी की सजा दी थी उनकी माता जी का नाम दुधवा देवी था और अपने जिले में एक वीर योद्धा आजादी के लिए अपनी जान न्योछावर कर दिया और उन्हीं के माता जी के नाम से दुधवा नेशनल पार्क नाम रखा गया।
दुधवा राष्ट्रीय उद्यान वन एवं वन्य जीव प्रेमी स्वर्गीय करनल विली अर्जुन सिंह जी के पहल पर दुधवा नेशनल पार्क राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना हुआ।
पत्रकार
दिलीप सिंह राणा