परिवार के संस्कारों पर संगत की शिक्षा भारी
ऐसी औलादों के कारण माता-पिता एवं बुर्जुगों को होना पड़ता है शर्मसार
उपरोक्त बिगड़ेल लfड़कों ने अपने कई साथियों के साथ मिलकर एक व्यक्ति के साथ गुण्डागर्दी दिखाते हुए बेरहमी से हमला कर दिया जिसमें पीड़ित लहुलोहान होकर घायल कर दिया गया।
कार्यवाही से बचने के लिए परिवारीजनों द्वारा हमलावरों के भविष्य की दुहाई। जिंदगी खराब हो जायेगी इसका रोना आदि करा गया। कितना बुरा वक्त होता है जब बुर्जुगों को औलाद के कारण जगह-जगह माफी मांगकर शर्मिंदा होना पड़ता है।
चूंकि उपरोक्त बच्चैं द्वारा क्षमा-याचना करने के बाद पीड़ित द्वारा उपरोक्त बच्चै पर दया एवं बड़प्पन दिखाते हुए
सुधरने का एक अवसर दिया गया है, यह कहते हुए कि भविष्य में यदि कहीं भी कोई असामाजिक एवं गैरकानूनी हरकत करते हुए देखे गए तो कानूनी कार्यवाही मेरी तरफ से की जायेगी।
इस लेख के माध्यम से आमजनमानस को यह अवगत कराना चाहते हैं कि यदि ये लड़के माता-पिता एवं परिवार के बुर्जुगों के मान-सम्मान को बनाये रखते हुए सुधर जायें तो ठीक। लेकिन यदि ये कानून एवं शान्ति व्यवस्था को विगाड़ते हुए दिखाई दें तो ऐसे असामाजिक तत्वों के विरूद्ध पुलिस प्रशासन में शिकायत करते हुए आवाज बुलंद करें।
क्योंकि, स्वरूछ समाज की सारी जिम्मेदारी सरकार और पुलिस की ही नहीं है। कुछ जिम्मेदारियां आपकी और हमारी भी बनती हैं।