“मऊगंज के देवतालाव क्षेत्र में गौसेवा पर बड़ा सवाल, करंट लगने से 3 गायों की दर्दनाक मौत”
मध्य प्रदेश के मऊगंज जिले में गौवंशों की सुरक्षा को लेकर प्रशासन की लापरवाही सामने आई है। प्रसिद्ध शिव मंदिर देवतालाव के निकट बने खटखरिहा तालाब के पास स्थित ट्रांसफार्मर में बारिश के दौरान करंट उतरने से तीन निराश्रित गायों की मौके पर ही मौत हो गई।
- स्थानीय निवासियों के मुताबिक, सुबह गायों के रंभाने की तेज आवाज सुनाई दी।
- जब लोग मौके पर पहुंचे, तो देखा कि तीन गायें चरते हुए ट्रांसफार्मर के पास चली गई थीं और करंट लगने से उनकी तत्काल मौत हो गई।
- स्थानीय लोगों और गौसेवकों ने मिलकर तीनों गायों के शवों को मिट्टी में दबाया।
कलेक्टर की गौशाला पर सवाल:
मऊगंज के कलेक्टर अजय श्रीवास्तव ने कुछ समय पहले एक गौशाला का उद्घाटन किया था और इसे प्रशासनिक नवाचार के तौर पर प्रचारित किया था।
लेकिन आज सड़कों पर निराश्रित गायों की हालत और उनकी मौत इस नवाचार की असफलता को उजागर कर रही है।
- गौशाला का उद्देश्य: बेसहारा गौवंश को सुरक्षा प्रदान करना और सड़कों से हटाना।
- वास्तविकता: सैकड़ों गायें अब भी सड़कों और ट्रांसफार्मरों के पास असुरक्षित घूम रही हैं।
स्थानीय प्रशासन पर सवाल:
- ट्रांसफार्मर से करंट उतरने की घटना ने बिजली विभाग और प्रशासन की लापरवाही उजागर की है।
- क्या बारिश के दौरान सुरक्षा उपाय किए गए थे?
- ट्रांसफार्मर के पास पशुओं और नागरिकों की सुरक्षा के लिए बैरिकेडिंग क्यों नहीं की गई?
गौसेवकों और स्थानीय निवासियों की प्रतिक्रिया:
गौसेवकों ने प्रशासन को जमकर आड़े हाथों लिया और इसे “प्रशासनिक विफलता” बताया।
“अगर गौशाला सही तरीके से काम कर रही होती, तो सड़कों पर घूम रहे इन गायों की मौत नहीं होती,” एक स्थानीय निवासी ने कहा।
प्रशासनिक कार्रवाई:
घटना के बाद प्रशासन ने बिजली विभाग को लापरवाही के लिए नोटिस जारी करने की बात कही है।
- मौके पर जांच के लिए एक समिति गठित की गई है।
- गौशाला के संचालन की समीक्षा का भी आदेश दिया गया है। गौवंशों की सुरक्षा और प्रशासन की जवाबदेही को लेकर यह घटना गंभीर सवाल खड़े करती है। गौशाला खोलने से वाहवाही लूटने वाले कलेक्टर और प्रशासन को अब जवाब देना होगा कि उनकी योजनाएं जमीनी हकीकत में क्यों फेल हो रही हैं।