(SHE IS A CHANGEMAKER)“ थीम पर केन्द्रित कर तीन दिवसीय प्रशिक्षण

प्रयागराज। राष्ट्रीय महिला आयोग, नई दिल्ली एवं दीन दयाल उपाध्याय राज्य ग्राम्य विकास संस्थान, लखनऊ के संयुक्त तत्वाधान में ग्राम पंचायतों के निर्वाचित महिला प्रधानों एवं महिला सदस्यों महिला क्षेत्र पंचायत (बीडीसी) सहस्यों, नगर निकाय सदस्यों/प्रतिनिधियों के साथ ”वो बदलाव ला सकती है (SHE IS A CHANGEMAKER)“ थीम पर केन्द्रित कर तीन दिवसीय प्रशिक्षण दिनांक 26 से 28 दिसम्बर, 2024 का आयोजन जिला ग्राम्य विकास संस्थान, बसनेहटा, प्रतापपुर, प्रयागराज में आयोजित किया गया। जिसमें जनपद प्रयागराज के कुल 42 महिला प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम का उद्घाटन राज्य महिला आयोग, उततर प्रदेश की सदस्य श्रीमती नीलम प्रभात, डा0 विवेक कुमार, जिला प्रशिक्षण अधिकारी, मास्टर ट्रेनर श्रीमती क्रान्ती जौहरी एवं वीरेन्द्र कुमार ने दीप प्रज्जवलित कर किया। संविधान के 73-74वें संशोधन पर सत्र संचालन करते हुए श्रीमती नीलम ने कहा कि इतिहास गवाह है महिलायें बदलाव की वाहक रही हैं, बदलाव ला सकती हैं, यदि उन्हें सीखने, बाहर निकलने और काम करने का माहौल मिले। नये पंचायती राज वयवस्था में महिलाओं को प्रधान के रूप में, पंचायत सदस्य के रूप में, क्षेत्र पंचायत सदस्य के रूप में, जिला पंचायत के सदस्य के रूप में मौके मिले है उन्हें आगे बढ़कर समाज में नेतृत्व कारी भूमिका करनी है और विभिन्न कार्यक्रमों का नियोजन कर जन भागीदारी और सरकार के सहयोग से लड़कियों/महिलाओं के अधिकार संरक्षण एवं समाज में सम्मान/स्थान बनायेंगी। महिलाओं के साथ हो रहे भेद-भाव एवं हिंसा के मुद्दे पर प्रयागराज “वन स्टाॅप सेन्टर” से आई श्रीमती नीलिशा ने अपने केन्द्र द्वारा पीड़ित महिलाओं को दी जाने वाली सुविधाओं पर प्रकाश डाला। प्रतिभागियों एवं मुख्य अतिथि के स्वागत करते हुए डा. विवेक ने कहा कि महिलायें पूर्ण नागरिक हैं उन्हे सभी नागरिक अधिकार मिलने चाहिए। अधिकारों में समानता पर रोशनी डालते हुए डा. विवेक ने कहा कि लिंग आधारित/जेण्डर आधारित भेद-भाव महिलाओं के साथ हिंसा है इसे समाप्त करने के लिए सिर्फ महिलायें ही नहीं अपितु पूरे समाज को आगे आना होगा। तीन दिनों में लोकतान्त्रिक प्रकिया एवं विकेन्द्रीकरण, पंचायतीराज संस्थाओं एवं नगरीय निकायों में महिला प्रतिनिधियों की भूमिका, समता-समानता, विभिन्न विभागों का संस्थागत ढाँचा एवं महिलाओं एवं बच्चों सम्बन्धी भूमिकायें, पाॅक्सो एक्ट, महिला भागीदारी एवं जेण्डर बजटिंग, महिला में संचार, नेतृत्व कौशल, टीम निर्माण, तनाव प्रबन्धन व्यक्तित्व विकास आदि मुद्दों पर केन्द्रित कर विभिन्न सत्रों का संचालन किया गया। सत्रों का संचालन श्रीमती क्रान्ती जौहरी, वीरेन्द्र कुमार, डा. विवेक कुमार ने संयुक्त रूप से किया। प्रशिक्षण के अन्तिम दिन प्रतिभागियों ने महिला सशक्तीकरण, संचार, नेतृत्व कौशल, जेण्डर समानता आदि मुद्दोें पर केन्द्रित कर कार्य योजना बनाई।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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