हवन यज्ञ व भंडारे के साथ हुआ श्रीराम कथा का समापन

चोपन/सोनभद्र। प्रितनगर में चल रही नौ दिवसीय श्रीराम कथा शुक्रवार को संपन्न हो गई। कथा के समापन के बाद हवन यज्ञ और विशाल भंडारे का कथावाचक श्रद्धेय पं दिलीप कृष्ण भारद्वाज जी महाराज एवं राज्य मंत्री समाज कल्याण संजीव सिंह गोंड़ द्वारा प्रसाद वितरण कर भंडारे का शुभारंभ शुभारंभ किया गया जहां भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने पहले हवन यज्ञ में आहुति डाली और फिर प्रसाद ग्रहण कर पुण्य के भागी बने। कथा व्यास पं दिलीप कृष्ण भारद्वाज ने 9 दिन तक चली कथा में भक्तों को श्रीराम कथा की महिमा बताई। उन्होंने लोगों से भक्ति मार्ग से जुड़ने और सत्कर्म करने को कहा। आगे कहा कि हवन-यज्ञ से वातावरण एवं वायुमंडल शुद्ध होने के साथ-साथ व्यक्ति को आत्मिक बल मिलता है। व्यक्ति में धार्मिक आस्था जागृत होती है। दुर्गुणों की बजाय सद्गुणों के द्वार खुलते हैं। यज्ञ से देवता प्रसन्न होकर मनवांछित फल प्रदान करते हैं। उन्होंने बताया कि श्रीराम कथा के श्रवण से व्यक्ति भव सागर से पार हो जाता है। श्रीराम कथा से जीव में भक्ति, ज्ञान एवं वैराग्य के भाव उत्पन्न होते हैं। इसके श्रवण मात्र से व्यक्ति के पाप पुण्य में बदल जाते हैं। विचारों में बदलाव होने पर व्यक्ति के आचरण में भी स्वयं बदलाव हो जाता है। हर कथा या अनुष्ठान का तत्वसार होता है जो मन बुद्धि व चित को निर्मल कर देता है। मनुष्य शरीर भी भगवान का दिया हुआ सर्वश्रेष्ठ प्रसाद है। जीवन में प्रसाद का अपमान करने से भगवान का ही अपमान होता है। भगवान को लगाए गए भोग का बचा हुआ शेष भाग मनुष्यों के लिए प्रसाद बन जाता है। कथा समापन के दिन शुक्रवार को विधिविधान से पूजा करवाई गई। दोपहर तक हवन और शाम तक भंडारा कराया गया जिसमें नगर सहित आसपास के भारी संख्या में श्रद्धालु प्रसाद ग्रहण किये। कार्यक्रम अध्यक्ष सुनील सिंह ने कथा को सकुशल सम्पन्न कराने में सहयोग करने वाले सहयोगियों के प्रति आभार व्यक्त किया। नौ दिनों तक चले कार्यक्रम का संचालन मनोज चौबे ने किया। इस मौके पर वरिष्ठ भाजपा नेता राजा मिश्रा, नवल किशोर चौबे,कमल किशोर सिंह, रजनीकांत कांत सिंह, हंसराज शुक्ला, दया सिंह, बबलू सोनी, अरविंद उपाध्याय, अनील यादव, दीनदयाल सिंह, नागेंद्र विश्वकर्मा, अतुल शुक्ला,शिवम मिश्रा, अरविंद जायसवाल, अमित सिंह बढ़कू, विकास सिंह छोटकू, मुकेश पटेल, अंकित सोनी सहित भारी संख्या में लोगों ने भंडारे का प्रसाद ग्रहण किया|

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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