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बरेली :: लेखपाल हत्याकांड का खुलासा करते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने आज पुलिस लाइन सभागार में पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि दो अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया जबकि उनके दो साथी फरार हो गए पुलिस ने गिरफ्तार अभियुक्तों को जेल भेजा गया
कैंट थाना क्षेत्र में बुखारा रोड पर रहने वाले मूल निवासी बहेड़ी के मोहल्ला कानून गोयान निवासी लेखपाल मनीष कश्यप पुत्र स्वर्गीय हरिश्चंद्र कश्यप की हत्या के आरोप में पुलिस ने कैंट थाना क्षेत्र के गांव मिर्जापुर मे रहने वाले फरीदपुर के कपूरपुर निवासी ओमवीर पुत्र अवधेश और उसके मामा के साले फतेहगंज पूर्वी के गांव नगरिया कला निवासी नन्हे पुत्र सुखराम को गिरफ्तार कर लिया।
ज्ञात हो कि लेखपाल 27 नवंबर को फरीदपुर तहसील में ड्यूटी पर जाने के लिए घर से निकले थे लेकिन वह वापस घर नहीं पहुंचे।
28 नवंबर को उनके घर वालों ने थाने में शिकायत दर्ज करा दी। जिसके बाद पुलिस ने लापता लेखपाल को तलाशने की कोशिश शुरू कर दी और मामले की जांच भी थाना फतेहगंज पश्चिमी प्रभारी को स्थानांतरित करते हुए चार टीम में गठित की गई। पुलिस जांच में ओमवीर उर्फ अवधेश और नन्हे के नाम आये जिन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने अवधेश की निशानदेही पर मृतक लेखपाल के कपड़े, हत्या में प्रयुक्त मफलर, कंकाल, रबर स्टैंप, व अन्य प्रपत्र बरामद कर पूछताछ शुरू की तो गिरफ्तार अवधेश ने बताया कि नन्हे उसके मामा का साला है और लेखपाल मनीष कश्यप से उसकी पुरानी जान पहचान थी जिसके चलते वह तहसील से संबंधित कार्य करवा लेता था और इसके बदले उसे कुछ पैसे मिल जाते थे लेकिन उसकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी जिसके चलते उसने नन्हे और फतेहगंज पूर्वी थाने के गांव बाकरगंज निवासी सूरज पुत्र अशोक वह अलीगंज थाने के गांव चुरा नवदिया निवासी नेत्रपाल के साथ मिलकर मनीष कश्यप पुत्र मलखान ने अपहरण की योजना बनायी।
नेत्रपाल बुखारा रोड स्थित सरदार जी के फार्म हाउस पर काम करता है। 27 नवंबर को सभी लोगों ने योजना के अनुसार मनीष कश्यप को शराब पीने के लिए राजी कर लिया और उसे फरीदपुर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर बुला लिया जहां से वह सभी अवधेश की कार में बैठकर शराब पी। कुछ दूर चलने के बाद योजना के मुताबिक वह उसे लेकर सरदार जी के फार्म हाउस पर गए और बंधक बनाने की कोशिश की लेकिन नेत्रपाल ने इससे इनकार कर दिया तब मफलर से सूरज ने लेखपाल मनीष कश्यप का गला घोटकर हत्या कर दी नशे में होने के कारण वह विरोध नहीं कर सका और उसका शव फेंकने के लिए बदायूं रोड की ओर ले गए जहां वह उसे फेंकने में सफल नहीं हुए तो फिर से कैंट थाना क्षेत्र के मिर्जापुर गांव पहुंचे और वहां पर कच्चे रास्ते की ओर जाने वाले नाले में लाश को फेककर वापस अपने घरों को चले गए इधर लेखपाल के घर वालों ने उसकी गुमशुदगी के पोस्टर चिपकवा दिए तब एक खंभे पर लगे पोस्टर में उनका फोन नंबर देखने के बाद उनसे फिरौती मांगने की योजना बनाई लेकिन इससे पहले ही पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने हत्यारों को न्यायालय के समक्ष पेश कर जेल भेजा जबकि उनके दो अन्य फरार साथियों को गिरफ्तार करने की कोशिश शुरू कर दी।