धन निरंकार के उद्घोष से गूंजी वृंदावन नगरी

हर एक में है परमात्मा का वास
निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने दिया संदेश

मथुरा,एटा,16 दिसंबर, 2024:- रविवार को वृंदावन के सनसिटी अनन्तम मैदान में एटा से सेकड़ों निरंकारी भक्त सतगुरु के पावन दर्शनों के लिए गये। सतगुरु और भक्तों के मिलन का यह दिव्य नजारा देखते ही बन रहा था। जहां जाति-धर्म, अमीर-गरीब के भेद से परे हर आम-ओ-खास एक ही मंच पर एकत्रित थे। मौका था निरंकारी संत समागम का जहां राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, मथुरा एटा, कासगंज और आगरा सहित उत्तर प्रदेश के अनेक शहरों से पधारे हुए हजारों भक्तों में गजब का उत्साह देखने को मिला। सभी में सामाजिक विभिन्नता के बावजुद एकरसता की झलक दिख रही थी। भक्तों का हर कदम संत समागम की ओर बढ़ता देखा गया। सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एवं निरंकारी राजपिता रमित जी के दीदार हेतु हर भक्त के चेहरे पर उमंग, उत्साह और उल्लास स्पष्ट दिखाई दे रहा था।

निरंकारी सतगुरू माता सुदीक्षा जी महाराज ने मथुरा में भक्तों को आशीर्वचन में ब्रह्मज्ञान और प्यार को बढ़ाने की सीख देते हुए फरमाया कि हर एक में परमात्मा का वास है, सबमें एक ही परमात्मा की ज्योति है। परमात्मा एक है तो सारे धर्म भी एक ही है। परमात्मा ने सबको एक जैसा मानव ही बनाया है इसलिए कोई जाति ऊंची या नीची नहीं हो सकती।

सतगुरु माता जी ने कहा कि मन का जुड़ाव परमात्मा के साथ बना रहे। आत्मा से परमात्मा का सफ़र भक्ति और प्यार भरा हो। प्रत्येक मानव को परमात्मा ने जितनी स्वांस दी है, वह क्षणभंगुर वस्तुओं के लिए नहीं अपितु परमात्मा के सुमिरण और भक्ति के लिए मिली है इसीलिए परमात्मा के ध्यान – सुमिरण और सत्संग के लिए बहाने नहीं होने चाहिए। इतिहास का जिक्र करते हुए बताया कि जैसे श्रीकृष्ण जी के प्रति मीराबाई जी की प्रेमाभक्ति रही, वैसा ही प्रेम हमें भी अपनाना है। जीवन के हर पल में प्रेम आ जाए, हम केवल प्यार की बात ही न करे, बल्कि स्वयं प्रेम बन जाए।

सतगुरु माता जी ने आगे बताया कि संसार में आए है तो रिश्ते नाते और परिवार त्यागना नहीं है अपितु परमात्मा के संग रहते हुए भी हमें रिश्ते नाते निभाने है और परिवार की जिम्मेदारी का कर्तव्य पालन भी करना है। परमात्मा के दर्शन को टालना नहीं है, क्योंकि परमात्मा हर मानव की जरूरत है इसलिए मानव परमात्मा का साक्षात्कार आज ही कर लें। परमात्मा इतना करीब है, जिसे ब्रह्मज्ञान द्वारा पल में जाना जा सकता है। ब्रह्मज्ञान के बाद ही हम मुक्ति के हकदार बन सकते हैं।

मथुरा के जोनल इंचार्ज श्री हरविंदर कुमार अरोड़ा ने सतगुरु माता जी एवं निरंकारी राजपिता जी के दिव्य आगमन हेतु हृदय से आभार व्यक्त किया। इसके अतिरिक्त सभी संतों एवं प्रशासन के सकारात्मक सहयोग हेतु भी धन्यवाद दिया।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

यह खबर /लेख मेरे ( निशाकांत शर्मा ) द्वारा प्रकाशित किया गया है इस खबर के सम्बंधित किसी भी वाद - विवाद के लिए में खुद जिम्मेदार होंगा

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