
वैलेट पेपर से चुनाव कराने के मुद्दे को कांग्रेस देश में घर-घर पहुंचाएगी!
क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद में कांग्रेस की नवनिर्वाचित सांसद प्रियंका गांधी की वैलेट पेपर से चुनाव करने की चुनौती को स्वीकार करेंगे! शुक्रवार 13 दिसंबर को कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने संसद में अपने पहले भाषण में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी को चुनौती देते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी सरकार ईवीएम मशीन की जगह बैलट पेपर से चुनाव करा कर देखले दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा!
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, प्रियंका गांधी की चुनौती को संसद में स्वीकार करें या ना करें लेकिन, कांग्रेस वैलेट पेपर से चुनाव कराने के मुद्दे को देश के घर-घर पहुंचाएगी! यह बात प्रियंका गांधी के संसद में दिए गए भाषण से जाहिर हो गई है! कांग्रेस समझ गई है कि वह ईवीएम मशीनों के रहते भारतीय जनता पार्टी से चुनाव नहीं जीत पाएगी! मगर सवाल यह है कि क्या यदि वैलेट पेपर से चुनाव हुए तो कांग्रेस भारतीय जनता पार्टी को चुनाव में हरा देगी? क्योंकि इसके लिए जरूरी है मतदाता सूचियो पर ध्यान देने की जो कांग्रेस के स्वयंभू नेता देते नजर नहीं आते हैं!
कांग्रेस के कार्यकर्ता मायूस हैं और मायूसी का कारण कांग्रेस के स्वयंभू नेताओं की कार्यकर्ताओं को उपेक्षित करना है! जबकि भारतीय जनता पार्टी के नेता और कार्यकर्ता मतदाता सूचियो पर हमेशा गंभीरता से ध्यान देते हैं और भारतीय जनता पार्टी के पारंपरिक मतदाताओं के नाम घर-घर जाकर बनने वाली मतदाता सूची में जुड़वाते हैं! यही वजह है कि भारतीय जनता पार्टी विपक्षी दलों से अधिक मजबूत नजर आती है!
देवेंद्र यादव वरिष्ठ पत्रकार/राजनीतिक विश्लेषक कोटा, राजस्थान