राम विवाह:250 बराती,4 रथ, 51 तीर्थों का पानी, रामनगरी से निकली प्रभु श्रीराम की बारात

अयोध्या।मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम और मां सीता के विवाह को विवाह पंचमी के रूप में मनाया जाता है।इस साल विवाह पंचमी 6 दिसंबर को मनाई जाएगी।हिंदुओं के लिए यह दिन बहुत ही महत्व रखता है।विवाह पंचमी के दिन को शादी की वर्षगांठ के तौर मनाया जाता है।हर साल इस दिन प्रभु श्रीराम और मां सीता की शादी कराई जाती है।इस साल भी बड़े ही धूमधाम से प्रभु श्रीराम की बारात मंगलवार को रामनगरी अयोध्या से नेपाल के जनकपुर के लिए निकल गई है।

मिथिला के गीतों और जय श्रीराम के जयघोष के साथ प्रभु श्रीराम की बारात मंगलवार को रामनगरी अयोध्या से निकल गई है।बारात बिहार के बक्सर से होते हुए नेपाल के जनकपुर पहुंचेगी।इस बार राम बारात खास है क्योंकि भव्य राम मंदिर में प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद पहली बार बारात निकली है।बरात में 250 से अधिक लोग शामिल हैं।मंदिर में पूजा-पाठ करने के बाद बारात निकाली गई है।धर्मरथ के आगे नारियल फोड़कर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बारात को रवाना किया है।

प्रभु श्रीराम राम की बारात ढोल-नगाड़े और बैंड-बाजों के साथ निकली।बराती काफी उत्साहित नजर आ थे।राम बारात में चार रथ और 20 से अधिक गाड़ियां शामिल हैं।राम बारात निकलने से पहले लगभग दो घंटे तक बारातियों ने रामसेवकपुरम में जश्न मनाया।राम बारात में नेपाल और भारत के 51 तीर्थों का जल आया है।इस जल को एक रथ पर रखा गया है।वहीं बाकी दो रथों पर प्रभु श्रीराम,लक्ष्मण,भरत और शत्रुष्न के स्वरूप भी विराजमान हुए हैं।

प्रभु श्रीराम और मां सीता का विवाह कराने के लिए तिरुपति के 40 वैदिक ब्राह्मणों को बुलाया गया है।राम बरात 3 दिसंबर को जनकपुर पहुंचेगी। 6 दिसंबर को विवाह संपन्न होगा। 8 दिसंबर को बारात जनकपुर से लौटकर रामनगरी अयोध्या पहुंच जाएगी।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

यह खबर /लेख मेरे ( निशाकांत शर्मा ) द्वारा प्रकाशित किया गया है इस खबर के सम्बंधित किसी भी वाद - विवाद के लिए में खुद जिम्मेदार होंगा

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