10 प्वाइंट में जानिए संभल का विवाद क्या है

संभल में मस्जिद सर्वे के दौरान भारी हिंसा, पथराव, आगजनी, मौतें

1- 75 प्रतिशत से ज्यादा मुस्लिम आबादी वाला जिला संभल का वर्णन भारत के प्राचीन ग्रंथों और शास्त्रों में हुआ है जहां ये बताया गया है कि संभल में ही भगवान विष्णु का 10वां महावतार कल्कि अवतार होगा ।

2- बाबर ने संभल पर हमला किया था और ऐसा माना जाता है कि जब उसे ये पता चला कि संभल में ही भगवान विष्णु का 10वां अवतार होगा तो वो संभल के हिंदुओं को भारी यातनाएं देकर प्रताड़ित करने लगा । पूरी आबादी को ही मुस्लिम में जबरन धर्मांतरण किया जाने लगा और मंदिरों को मस्जिदों में बदला जाने लगा ।

3- बाबर के आदेश पर 1529 में उस वक्त संभल के सबसे ज्यादा महान दिव्य हरिहर मंदिर को भी तोड़ दिया गया और उसकी जगह पर शिखर हटाकर गुंबद स्थापित कर शाही जामा मस्जिद बनवा दी गई है । ये बातें अदालत में प्रसिद्ध वकील विष्णु शंकर जैन, संभल के वरिष्ठ नागरिकों और महंतों के द्वारा सिविल अदालत में एक याचिका द्वारा रखी गईं ।

4- अदालत के अंदर दायर 95 पेज की याचिका में दो किताब और एक रिपोर्ट को आधार बनाया गया है

5 .इसमें दो किताब बाबरनामा और आइन-ए-अकबरी है जब्कि 150 साल पुरानी ASI की रिपोर्ट का भी हवाला दिया गया है । बाबरनामा में खुद बाबर ने मंदिर तोड़ने का जिक्र किया  है ।

6- आइन-ए-अकबरी के पेज नंबर 281 पर संभल में विष्णु मंदिर हरि मंडल का जिक्र किया गया है. और इसे बाद में मुस्लिमों के द्वारा इस्तेमाल की जाने की बात कही गई है । तब इसे एक मुसाफिर सराय की तरह भी इस्तेमाल किया जा रहा था ।

7- अंग्रजों के शासनकाल में बनी ASI की रिपोर्ट में तत्कालीन महानिदेशक मेजर जनरल अलेक्जेंडर कनिंघम की देखरेख में एक रिपोर्ट बनाई गई. इसमें पेज 24-27 तक संभल के बारे में लिखा गया है कि 1527-28 में बाबर के सेनापति हिरदू बेग ने श्री हरिहर मंदिर को आंशिक रूप से ध्वस्त कर दिया था.

8- मुसलमानों नें मंदिर की इमारत पर कब्जा कर लिया और उसे मस्जिद के रूप में इस्तेमाल किया

9- पिछले मंगलवार को ही अदालत के द्वारा मस्जिद के सर्वे का आदेश दिया गया जिसे पूरा करवाने के लिए मंगलवार की रात ही सर्वे शुरू किया था तब मस्जिद की वीडियोग्राफी की गई थी । वीडियोग्राफी के दौरान भी इलाके में तनाव भड़क गया था ।

10- अब हालात इसलिए बिगड़ गए हैं क्योंकि संभल में ही शाही मस्जिद के सर्वे के लिए जब रविवार को टीम पहुंची तो भारी पत्थरबाजी उपद्रव शुरू हो गया जिसमें पुलिसवाले घायल हुए और मौतें भी हुई हैें ।

नोट करने वाली बात ये भी है कि काशी-मथुरा का मामला लड़ने वाले हरिशंकर जैन समेत आठ लोगों इस मामले में पार्टी हैं जिनमें हरिशंकर जैन और पार्थ यादव वकील हैं. ऋषिराजगिरी कैला देवी मंदिर के महंत हैं. राकेश कुमार, जीतपाल यादव, मदनपाल, वेदपाल सिंह सामाजिक कार्यकर्ता हैं जब्कि दीनानाथ महंत हैं.

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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