मीडिया अधिकारियों और पदाधिकारियों को अनुशासन में रहकर कार्य करे

भारतीय मीडिया फाउंडेशन के केंद्रीय अनुशासन समिति के केंद्रीय अध्यक्ष राम आसरे जी का मीडिया अधिकारियों को अनुशासन का निर्देश

रिपोर्ट – निशा कांत शर्मा
राष्ट्रीय संगठन सचिव
भारतीय मीडिया फाउंडेशन।

भारतीय मीडिया फाउंडेशन के केंद्रीय अनुशासन समिति के केंद्रीय अध्यक्ष राम आसरे जी ने सभी मीडिया अधिकारियों और पदाधिकारियों को अनुशासन में रहकर कार्य करने का निर्देश दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि जो भी व्यक्ति अनुशासन का उल्लंघन करेगा, उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
इस निर्देश के पीछे के संभावित कारण:
संगठन की छवि: हर संगठन चाहता है कि उसकी छवि अच्छी रहे। अनुशासन बनाए रखने से संगठन की प्रतिष्ठा बढ़ती है।
कार्यकुशलता: अनुशासन से कामकाज व्यवस्थित होता है और कार्यकुशलता बढ़ती है।
नियमों का पालन: हर संगठन के कुछ नियम होते हैं। इन नियमों का पालन करना आवश्यक है।
संगठन के लक्ष्यों की प्राप्ति: अनुशासन से संगठन के लक्ष्यों को प्राप्त करने में आसानी होती है।
यह निर्देश मीडिया जगत के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है। मीडिया एक शक्तिशाली माध्यम है और इसका दुरुपयोग नहीं होना चाहिए। अनुशासन से मीडिया अधिकारी अधिक जिम्मेदारी के साथ काम कर पाएंगे।
इस निर्देश के प्रभाव:
पत्रकारिता के मानकों में सुधार: अनुशासन से पत्रकारिता के मानकों में सुधार हो सकता है।
समाज में सकारात्मक प्रभाव: अनुशासित मीडिया समाज में सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
मीडिया की विश्वसनीयता में वृद्धि: अनुशासन से मीडिया की विश्वसनीयता में वृद्धि हो सकती है।
अन्य महत्वपूर्ण बिंदु:
अनुशासन का मतलब क्या है: अनुशासन का मतलब सिर्फ नियमों का पालन करना ही नहीं है, बल्कि समय का पाबंद होना, जिम्मेदारी लेना और ईमानदारी से काम करना भी है।
अनुशासन का उल्लंघन करने पर क्या होगा: अनुशासन का उल्लंघन करने पर क्या कार्रवाई होगी, यह संगठन के नियमों पर निर्भर करता है।

भारतीय मीडिया फाउंडेशन के केंद्रीय अनुशासन समिति के केंद्रीय अध्यक्ष राम आसरे जी ने कहा कि भारतीय मीडिया फाउंडेशन के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं।
आप मीडिया में अनुशासन की आवश्यकता के बारे में जानना चाहते हैं।
आप अनुशासन का उल्लंघन करने पर होने वाली कार्रवाइयों के बारे में जानना चाहते हैं तो आप संपर्क कर सकते हैं।
मुझे आपकी जिज्ञासा शांत करने में खुशी होगी।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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