बुद्धिजीवियों को नहीं पता होगी अपने सनातन धर्म के प्रति


गाजियाबाद डसना उत्तर प्रदेश ।
आज दिनांक 10 नंबर 2024 को बड़ा शिव मंदिर ककरोला गांव द्वारका सेक्टर 16 भी नई दिल्ली 78 गुरु आरपी सिंह भाई चौधरी अजीत मलिक मंदिर के पुजारी व ग्राम वासियों ने शिव शक्ति धाम डसना मंदिर के महामंडलेश्वर यति नरसिंह आनंद गिरि महाराज को अपना समर्थन व्यक्ति किया और सरकार से उन्हें Z+सुरक्षा प्रदान करने बाद 4 अक्टूबर 2024 की रात को डसना मंदिर पर हमला करने वाले जिहादियों की भीड़ में शामिल एक जिहादी को कठोर से कठोर सजा देने की मांग सरकार से की देश के सभी मंदिरों के पुजारी धर्म गुरुओं कथा वाचकों से देश की जनता को इस विषय में जागरूक करने का आहान किया

दूसरी तरफ दिल्ली प्रदेश कोऑर्डिनेटर हिंदू युवा वाहिनी के अशोक मित्तल जी ने कहा कि कार्ट का दूसरा नाम धर्मनिरपेक्ष है दोस्तों जरूर से ज्यादा पढ़ा लिखा समझ है हमारा क्या आप मान सकते हैं कि धर्मनिरपेक्षता की पूरी परिभाषा हमारे बुद्धिजीवियों को नहीं पता होगी अपने सनातन धर्म के प्रति उदासीनता के चलते धर्म के लिए किसी भी प्रकार की जिम्मेदारी से बचना ही धर्मनिरपेक्षता है जन्म से लेकर मृत्यु तक हमारे यह स्वार्थी लोग सब कुछ सनातन से ही लेते हैं लेकिन जब अपने सनातन के धर्म के लिए कुछ करने की बारी आई तो इसकी रक्षा का हथियार उठाने की जरूरत पड़ती है तो हमारे यह भगोड़े धर्मनिरपेक्षता का गीत गाना शुरू कर देते हैं उन्होंने कहा इस धरती को वीर भोग्या वसुंधरा बोलते हैं धरती वीरों को पसंद करती है धर्मनिरपेक्षता की आड़ में छुपे होकरों को नहीं मेरे विचार मेरा व्यवहार आप लोगों के सामने ही है जीना मरना सनातन के नाम आतंकवाद का मजहब भी समझ में आ गया और इसका इलाज कैसे करना है वह भी समझ में आ गया आप सभी से यही निवेदन करता आ रहा हूं यह धर्मनिरपेक्षता एक तरफ भाईचारा इसमें बाहर निकले इसकी आड़ में अपने बहाने बात करता को मत छुपाए युद्ध से बचाना समस्या का समाधान नहीं है युद्ध करना और उसको जितना हमारी मजबूरी है एक चीज याद रखना दोस्तों जो मार मार के जीते हैं वह एक दिन मरते हैं छुपाकर भाग कर कोई अमर नहीं हो जाता अपना अपमानजनक जीवन जीने से सम्मानजनक मृत्यु कहीं ज्यादा अच्छी है हिंदुत्व की रक्षा कीजिए अच्छी तरह समझ लो अगर भूल कर भी तुमने इसी कसाई से भाईचारा निभाया और आने वाले खतरे का मुकाबला करने की बजाय उनसे बचने के लिए कबूतर की तरह आंख बंद करने का आत्मघाती प्रयास किया तो इन दोनों में से किसी एक के पैरों तले रोना जाना निश्चित है।

About The Author

निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

Learn More →

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

× कुछ समझ न आये में हूँ न ...
अपडेट खबर के लिए इनेबल करें OK No thanks