शुगर मिल लेट चलने के कारण किसान गेहूं की बूआई समय पर नहीं कर पाते

लखीमपुर खीरी के संपूर्णानगर चीनी मिल क्षेत्र के सभी किसान मिल लेट से चलने के कारण काफी नाराज ‌
शुगर मिल लेट चलने के कारण किसान गेहूं की बूआई समय पर नहीं कर पाते हैं।
भारतीय मीडिया फाउंडेशन ने किसानों के मुद्दे को उठाने की बनाई रणनीति।

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी। उत्तर प्रदेश के किसानों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए भारतीय मीडिया फाउंडेशन ने सभी किसानों को भारतीय मीडिया फाउंडेशन के किसान एवं मजदूर फोरम के प्रकोष्ठ से जोड़ने का बनाई रणनीति।
भारतीय मीडिया फाउंडेशन के संस्थापक एके बिंदुसार ने कहा कि लखीमपुर खीरी जिले ही नही बल्कि लगभग पूरे प्रदेश में अधिकतम चीनी मिलें 15 नवम्बर या उससे पहले चलने सूचना प्राप्त हो रही है। क्षेत्र के किसानों का कहना है कि संपूर्णानगर और बेलरायां चीनी मिल क्षेत्र में पता नही किसका श्राप लगा हुआ है कि नवम्बर के अंतिम सप्ताह से पहले चलती ही नही है। अबकी बार कुछ उम्मीद जगी थी कि शायद 15 नवम्बर तक संपूर्णानगर चीनी मिल भी चल जाये लेकिन कल प्रधान प्रबन्धक महोदय के द्वारा 25 नवम्बर तक चीनी मिल चलने की जानकारी देने के साथ उन उम्मीदों को भी झटका लग गया।
चीनी मिल देर से चलने की वजह इन चीनी मिल क्षेत्रो के गन्ने की रिकवरी कहा जाता है। अगर यहां गन्ने की रिकवरी नही है तो इसी तरह की जलवायु में अन्य चीनी मिलों को रिकवरी कैसे प्राप्त हो रही है?
अब यहां के किसानों में कमी है? या किसानों द्वारा बोये गए गन्ने में कमी है या यहां की मिट्टी में कोई कमी है या चीनी मिल में ही कोई कमी है या फिर.?
क्षेत्र किसानों ने चीनी मिल प्रशासन/गन्ना समिति प्रशासन से विनम्र आग्रह किया है कि कृपया जल्द चीनी मिल चलवाने का प्रयास करें।
इस क्षेत्र का किसान इस सत्र में 2 बार बाढ़ की विभीषका झेल चुका है और इसी वजह से किसानों की एक उम्मीद धान की फसल भी बाढ़ में गल चुकी है, उम्मीद की एक किरण गन्ना ही है जिससे किसानों के बच्चों की फीस, उनकी आजीविका, दवा-दारू आदि चलनी है। हालांकि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में किसानों के गन्ने पर भी बाढ़ का दुष्प्रभाव पड़ा है। फिर भी यदि समय से चीनी मिल चल जाये तो आगामी महत्वपूर्ण फसल गेंहूँ की बुवाई समय से हो पाएगी और किसानों को कुछ राहत मिल सकेगी।
भारतीय मीडिया फाउंडेशन की ओर से जारी बयान में राष्ट्रीय अध्यक्ष बालकृष्ण तिवारी जिन्हें सभी संगठन की मीडिया अधिकारियों एवं पदाधिकारियों को निर्देशित किया है कि हर जिले में भारतीय मीडिया फाउंडेशन के किसान मजदूर फोरम का गठन करें।
प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया सेल उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष श्री दिलीप सिंह राणा ने कहा कि जल्द ही जिले में किसानों को एकत्रित किया जाएगा और एक बड़े आंदोलन की शुरुआत की जाएगी अब भारतीय मीडिया फाउंडेशन ने किसानों की समस्याओं को भी प्राथमिकता से उठाने का निर्णय लिया है।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

यह खबर /लेख मेरे ( निशाकांत शर्मा ) द्वारा प्रकाशित किया गया है इस खबर के सम्बंधित किसी भी वाद - विवाद के लिए में खुद जिम्मेदार होंगा

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